जीवन को बेहतर बनाने के तरीके दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है की उसका जीवन बेहतर हो अच्छा हो, उसके जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे, उसे हर खुशी मिले , यह हर व्यक्ति की सोच रहती है। अब सबसे महत्त्वपूर्ण ये है की हम इन सब को कैसे अच्छा कर सकते है, या जीवन को कैसे बेहतर बना सकते है। बेहतर जीना है तो हमे अपनी सोच बदलकर शुरुआत करनी चाहिए। हमारा स्वभाव ऐसा होता है कि हम अपने से ज्यादा पैसे वाले, अपनो से ज्यादा सुंदर या जो चीज़ हमारे पास नहीं है और वो चीज़ दुसरे के पास है या हमसे ज्यादा है या हमसे अच्छी है, तो हमारे मन में ये विचार चलते रहते है की हमारे पास ये नहीं इसके पास ये है,इस विचार से हम दुःखी या मन में अच्छा फील नहीं करने लगते है, तो इसके लिए हमे ये चाहिए कि हम इस प्रकार की तुलना या सोच ना रखते हुए ये विचार रखें कि जो हमारे पास है हम उसमे ही खुश है। जो है हमारे पास पर्याप्त है। तो हम थोड़ा तनाव मुक्त होकर अच्छा अनुभव करेंगे। यही तो बेहतर जीवन है दोस्तों। जीवन में बदलाव कैसे लाए जीवन में कुछ बढ़ा या अच्छा करना हो तो जैसे पहले जीवन चल रहा था, उसने बदलाव की जरूरत है। जीवन
जीवन(life) में अपने से संघर्ष कैसे होता है?
वर्तमान में व्यक्ति बहुत ही ज्यादा व्यस्ततम जीवन बीता रहा है।अपनों के पास बैठने का बात करने का समय नहीं है।जिससे धीरे धीरे संयुक्त परिवार की जो परम्परा है वो समाप्त सी होती नजर आ रही हैै। वह धीरे धीरे अपनों से दूरिया बना कर जीवन जीने में विश्वास करने लगा है,वह धीरे धीरे इस कदर अलग थलग अपने परिवार से होता नजर आ रहा है कि वह अपनों को अपनी बात कहने से संकोचा रहा है।धीरे धीरे परिणामस्वरुप वह अपनों से दुरिया बनाकर अपनों से धीरे धीरे दूर होता जा रहा है,एक दूसरे के मन एक दूसरे के प्रति नकारात्मकता का माहौल सा हो गया है,मानों एेसा लग रहा है जैसे " जीवन की जंग अपनों के संग"हो रही है।आज व्यक्ति को प्रेम की आवश्यकता होने के बाद भी उसे अपनों से धीरे धीरे दूरिया मिल रही है ,जिससे वह तनाव ग्रस्त चिढ़चिढ़ापन गुस्सा जैसी चिजों से गुजरता जा रहा है । जिसके फलस्वरुप वह धिरे धिरे अकेला सा होता जा रहा है।मनुष्य जीवन में आज इंसान भाई भाई के बीच,देवरानी जेठानी से लगाकर कर पारिवारिक रुप से जो परिवार से जूड़े लोगों से धीरे धीरे दूरिया सी हो गयी है। वह अपनों को हमेंशा दूसरों में पाने लगा है,धीरे धीरे उसे यह अहसास तक नहीं रहता है कि उस के परिवार में ग्रहयुद्ध सी स्तिथि पैदा हो गयी है।जिस परिवार से आपका खून का रिश्ता है।वह यह सब भूल कर द्वेष भावना से या अहित भावना से या उनका भला कैसे हो जाये जैसी भिन्न भावनओं से सोचने लगता है।परिवार की स्थिति
आज परिवारिक विवाद के चलते भाई भाई आपस में जमीन जायदाद से लेकर छोटी छोटी चिजों के लिए परिवार में लड़ाई झगड़े पैदा हो रहे है ।यहां तक की विवाद अधिक बढ़ने पर कोर्ट तक की शरण ली जाती है ।
इस तरह वर्तमान में अपनों के संग ही जीवन की जंग लड़ी जा रही है।
*अपनों से प्यार करें*
जीवन में अपनों के संग जो खुशी मिलती है किसी और के संग नही मिलती है ।सुखी जीवन जीने के लिए अपनो को अपना मानकर उनसे प्रेंम करें,परिवार में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न नहीं होगा।
Comments
Post a Comment