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बिजनेस प्लान कैसे बनाए| Bussiness Plan kaise banaye

 बिजनेस प्लान कैसे बनाए Businesses प्लान बनाने से पहले कुछ बातों का हमे विशेष खयाल रखना चाहिए- सर्वप्रथम तो ये देखना है हम पहले से अगर कुछ छोटा मोटा काम कर रहे है या जैसा भी व्यवसाय कर रहे है, उस बिजनेस ( Bussiness) को बेहतर कैसे बना कते है यानी जो हम कर रहे है उसमे अच्छी सफ़लता क्यों नही मिल रही है हम गलती कहा कर रहे है ये देखना बहुत जरूरी है। एक सबसे बडी बात ये भी आपके व्यवसाय में जब भी आप शुरू करते है उसके आय व्यय का हिसाब आपके पास होना चाहिए,यानी की ये देखना जरुरी है कि आप ने कितने फायदा कमाया या कितना नुकसान गया, कितना उसपर खर्च आया और कितना लास्ट में बचा है,ये देखना बहुत जरुरी है। जिस काम को कर रहे हो या शुरू करना चाहते हो उसमे ये देखना आवश्यक है की उसे हम दुसरे से बेहतर या दूसरों से अलग कैसे कर सकते है या ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत कैसे कर सकते है जिससे वो दूसरों से अलग दिखे। व्यवसाय शुरू करने की लिए निजी भवन या बिल्डिंग की जरूरत नही होती है, आप इसके किराए में ही वहा बेहतर कर सकते हो इसलिए ये विचार ना लाए की मेरे पास अच्छी बिल्डिंग नहीं है। बिजनेस ( Bussiness) हमेशा 1000 दिन म

मेरा गांव मेरा अभिमान है || Mera Gav Mera Abhiman

 गांव की सुन्दरता का चित्रण

गांव के बारे में जितना लोग खिल्ली उड़ाते है उसका सुन्दर चित्रण में कुछ अपने शब्दों में इस प्रकार बताता हूं।गांव को प्रेम जो एक परिवार में समस्या आने पर दूसरा परिवार साथ देता है।मूसिबत में हमेंशा एक व्यक्ति दूसरे के लिए समय निकाल कर मदद के लिएआगे आता है वो है गांव।गांव की परिभाषा अक्सर अनपढ़ अगूठे छाप के रुप में जैसे ही गांव की बात आती है दिमाग में एक छवि बन जाती है।लेकिन उसकी सुन्दरता के बारे में बहुत कम लोग जान पाते है।गांव के पनगट पर जब पणहारी गगरी भरने जाती है तो एेसा प्रतित होता है मानो सांसारिक जीवन के सुख के साथ सारी पणहारिनियां एक ही रस्सी से पूरे गांव की मटकियों को भरती है वहां पूरे गांव की महिलाओं का ये प्रतित होता है कि वे संसाधनों के अभाव में ग्रस्त महिलाओ या परिवारों का साथ भी देती है वो है गांव।

गांव का सोन्दर्य

जब सर्दी के दिनों में हरि हरि घास पर ओस की बून्दे गिरने के बाद सूबह सूबह सूर्य की किरणें जब उस पर गिरती है तो मानों मोती चमक रहे है एेसे प्रतित है ये सुन्दरता मन को मोह लेती है।बरसात के दिनों में मयूर की वो आवाज के साथ नृत्य करना मन को मोहित कर देता है,वो नदि नालों में शुद्ध पानी का बहनों ,वो ग्वालों का गायों को चराना और त्यौहारों के समय सभी आपसी भाईचारे के बीच रहना ये ही मेरे गांव की सुन्दरता है।जितना गांव की सुन्दरता के बारे में कहा जाये उतना कम है।गांव में कभी भी व्यक्ति भूख से नहीं मरा है ।मेरे गांव  में सहयोग की भावना आज भी विद्यमान है एेसा गांव है ।

गांव की परम्परा 

गांव में अनेक परम्परा ओं का चलन आज भी विद्यमान है जैसे पुरुष धोती ,कुर्ता ,साफा बांधते है।और महिलाएं गागरा और लूगड़ी का उपयोग करते है ,महिलाओं में घूंघट प्रथा है। साथ ही गाॉवो में कूरितियां भी अत्यधिक रहती है जैसे शादी ब्याव में कपड़े लाना ,मृत्यु भोज करना जैसी अनेक परम्परा जो अच्छी व पूरी दोनो तरह की व्याप्त है।

 ग्रामीण महिलाओं की स्तिथि

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर महिलाओं में शिक्षा का अभाव रहता है,जिसके कारण अंधविश्वास और कुरितियों में ज्यादा विश्वास करती है ,पहले बाल विवाह प्रथा थी जो अब धीरे धीरे समाप्त सी हो चूकी है।शिक्षा के अभाव में रहन सहन खान पान सभी ग्रामीण परिवेश अनुरुप सामान्य रहता है।महिलाएं घूघट प्रथा के साथ परिवार में बढ़े बूजूर्गों से बात नहीं करती है वो एेसा करना बढ़ो बूजूर्गों का मान सम्मान करना समझती है।महिलाओं को अत्यधिक पसंद आने वाला नृत्य मटकी ढोल पर करने वाला पसंद आता है।ग्रामीण महिलाएं अत्यधिक खेती या मजदूरी कार्य में ही अपना जीवन बीताती है। अत्यधिक गरीब वर्ग से आने वाली महिलाएं मजदूरी करके ही अपना जीवन यापन करती है।


 शिक्षा की स्तिथि

ग्रामीण क्षेत्रों में पहले की भांति अब शिक्षा के स्तर में धीरे धीरे काफि सुधार आया है।पहले ग्रामीण बच्चे बीच में या शुरुआती पढाई में ही विद्यालय जाना छोड़ देते थे ।अधिकांश बच्चे ज्यादा कक्षा तक पढ़ते नहीं थे ।अब बदलाव हुआ लगभग सभी का ध्यान शिक्षा की होने लगा है,शिक्षा के स्तर में कमी है,अभिभावक पढ़ा लिखा नही होने से बच्चों को सही समझा नही पाते है जिससे उनका स्तर छोड़ा कमजोर रहता है।

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