बिजनेस प्लान कैसे बनाए Businesses प्लान बनाने से पहले कुछ बातों का हमे विशेष खयाल रखना चाहिए- सर्वप्रथम तो ये देखना है हम पहले से अगर कुछ छोटा मोटा काम कर रहे है या जैसा भी व्यवसाय कर रहे है, उस बिजनेस ( Bussiness) को बेहतर कैसे बना कते है यानी जो हम कर रहे है उसमे अच्छी सफ़लता क्यों नही मिल रही है हम गलती कहा कर रहे है ये देखना बहुत जरूरी है। एक सबसे बडी बात ये भी आपके व्यवसाय में जब भी आप शुरू करते है उसके आय व्यय का हिसाब आपके पास होना चाहिए,यानी की ये देखना जरुरी है कि आप ने कितने फायदा कमाया या कितना नुकसान गया, कितना उसपर खर्च आया और कितना लास्ट में बचा है,ये देखना बहुत जरुरी है। जिस काम को कर रहे हो या शुरू करना चाहते हो उसमे ये देखना आवश्यक है की उसे हम दुसरे से बेहतर या दूसरों से अलग कैसे कर सकते है या ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत कैसे कर सकते है जिससे वो दूसरों से अलग दिखे। व्यवसाय शुरू करने की लिए निजी भवन या बिल्डिंग की जरूरत नही होती है, आप इसके किराए में ही वहा बेहतर कर सकते हो इसलिए ये विचार ना लाए की मेरे पास अच्छी बिल्डिंग नहीं है। बिजनेस ( Bussiness) हमेशा 1000 दिन म
लोन(loan) क्या होता है ?
किसी एक कंपनी या एजेंसी से कुछ ब्याज(Interest) दर पर लिया गया पैसा जो किसी निश्चित समयावधि में किश्तों के माध्यम से वापस देना रहता है।लोन कह सकते है ।लोन किसी व्यक्ति को किसी कार्य के लिए लिये जाने वाला कर्ज रहता है जो किसी निश्चित अवधी में कर्जकर्ता को साहूकार या कंपनी को देना होता है।
लोन(loan) प्रक्रिया
लोन लेने के लिए किसी भी कंपनी या अदाकर्ता बैंक के नियम व कुछ शर्तें रहते है ,जिसके अनुसार हमें उनका पालन करते हुए, अपने दस्तावेज को उपलब्ध करवाना होता है। लोन लेने वाले के सभी दस्तावेज लगाये जाते है।लोन लेने वाले के साथ बहुत सारी कंपनी या बैंक 2 जमानकर्ता के दस्तावेज भी साथ में लेती है।व दोनों की गवाही के तौर पर लोन प्रदान किया जाता है।
लोन(loan)दस्तावेज
लोन लेते समय सभी प्रकार के दस्तावेज बैंक व कंपनिया मांगती है ,जैसे व्यक्ति का आधार कार्ड,वोटर कार्ड,पैन कार्ड ,ड्राईविंग लाईसेंस,फोटो,बिजली बिल,कूपन,जमानत कर्ता के आधार कार्ड व फोटो भी चाहिए रहता है।साथ में भवन ,भूमि के दस्तावेज भी लगाये जाते हैं।
लोन(loan) के प्रकार
व्यक्ति के उपर यह निर्भर रहता है कि उसको किस प्रकार का लोन चाहिए होता है
लोन प्रकार के प्रकार इस प्रकार है-
1.वाहन लोन-
यह लोन भी 3 वर्ष से 5 वर्ष या जैसा लोन लेने वाला चाहता है उसके अनुसार कंपनि के नियमों अनुसार उसे वाहन के किमत अनुसार लोन स्वीकृत होता है।अगर वाहन नया क्रय किया जाता है तो उसके आधार पर भी लोन व्यक्ति को मिल सकता है।किसा भी वाहन जैसे ट्रक ,बस ,कार ,ट्रक्टर आदि वाहनों पर लोन सुविधा उपलब्ध रहती है।
2.भूमि व भवन पर लोन(loan)-
हमारे पास अगर हमारा बना बनाया मकान उपलब्ध रहता है तो उसकी किमत अनुसार लोन स्वीकृत हो जाता है। भवन पक्का होना चाहिए व आम रास्ता या सभी वाहन के निकलने जैसा रस्ता होने पर हमें लोन आसानी से मिल सकता है।
भूमि पर बैंक द्वारा KCC के रुप में लोन (loan) प्राप्त हो जाता है।बैंक द्वारा आपकी भूमि को बंधक बनाया जाता है उसके उपरांत आपको लोन स्वीकृत हो जाता है।
व्यक्तिगत लोन(loan)-
यह व्यक्ति सी स्वयं की जिम्मेदारी पर दिया जाता है इसमें किसी प्रकार के साधन जमीन भूमि या कुछ को बंधक नहीं बनाया जाता है।
व्यवसायिक लोन (loan)-
इस प्रकार के लोन में व्यवसाय करने के लिए लोन प्राप्त होता है।किसी व्यवसाय को देखकर उसके रजिस्ट्रेशन के आधार पर भी लोन दिया जाता है। यह किसी प्रकार के उत्पादन या रो मटेरियल से सामग्री बनाने के लिए भी लोन दिया जाता है ।
शासकीय योजनानुसार लोन(loan)-
यह केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की योजनाएं होती है।जिसमें सरकार स्वयं की ग्यारंटी पर लोन उपलब्ध करवाती है, व्यवसाय या व्यापार के लिए लोन उपलब्ध कराती है,लोन की अदायगी के समय कुछ प्रतिशत शासन से छूट भी प्राप्त होती है।जो लोन भरते समय हमें भरना नहीं होता है।
बैंक इस प्रकार के लोन के लिए आपकी सिविल चैक करने के उपरांत ही आपको लोन प्रदान करती है।यह आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना का लाभ प्रदान किया जाता है।
लोन(loan )भरने की प्रक्रिया-
लोन को भरने के लिए आपका लोन स्वीकृत होता है इससे पूर्व ही सारी जानकारी आपको बता दी जाती है। लोन को भरने के लिए मासिक किश्त या छ:माही किश्त में भी लोन चुकाया जा सकता है ।कुछ लोन जो समूह के माध्यम से चलते उसमें साप्ताहिक किश्त भी आती है जिसका लोन अमाउंट कम रहता है।
Comments
Post a Comment