मेरी प्यारी दोस्त की कहानी बताता हूं।
जबसे उससे बात हुई है,हमेंशा नीत नया हो रहा है,
बड़ी दूर होने के बाद भी,रोज दिल के पास रहने का एहसास है वो,
दो दिलों का एक प्यारा सा बन्धन का हिस्सा है दोस्ती,
जीवन की परिभाषा बदल दे वो किस्सा है दोस्ती।
ना उम्र का बन्धन, ना विचारों का मतभेद है,
जो गलत को सही मान ले,वा ठीक है यार तू सही है वो विचार हो दोस्ती।
याद जब तेरी आती है,मुस्कुरा लेते है हम,
तेरी देस्ती के खातिर ,ना मिलने पर भी तेरे होते है हम।
एक प्यारा दोस्त जीवन का सच्चा सार्थी होता है,
हर सुख दुख में साथ देने वाला सच्चा साथी होता है।
दु:ख हो या सूख हमेंशा साथ देता है सच्चा दोस्त,
मूसिबत में बन कर मसिहा ,साथ निभाता है दोस्त।
मेरी प्यारी दोस्त है ,जिसके ना कहने पर भी आंखो से मन की बात समझ लेता हूं।ऐसा ही ये प्रेम का बंधन है।जिसके कारण हम दोस्त को अच्छे दोस्त मिल पाते है।हम दूर रहकर भी प्यार के एहसास को समझ लेते हैं ,ऐसी हमारी दोस्ती की कहानी है।
दोस्त से बढ़कर कुछ ओर हो नहीं सकता है,
साथ दे जो अपना दूजा कोई हो नहीं सकता है।
स्कूल के समय बचपन का वो किस्सा जरुर याद आयेगा,
जब कागज या पेंसिल के लिए आपस में लड़ कर जायेगा,
फिर भी कुछ समय होने पर साथ ही मिलकर खेंलेगे,
ये दोस्ती की डोर है प्यारे,हर दु:ख को मिलकर ही झेलेंगे।
थोड़े बड़े क्या हुए हम एक दूसरे से फिर लडना शुरु करेंगे,
लेकिन ये दोस्ती की पाठशाला है ,फिर मिलकर ही खेंलेंगे।
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