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दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए| Do Dilon Ka rishta

 दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है।  दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।

office education| कार्यालय शिक्षा कैसी होना चाहिए।

 Office education|कार्यालय शिक्षा पर जानकारी

किसी भी कार्य को करने के लिए एक अच्छा तंत्र होना चाहिए ,जो किसी भी कार्य को सूचारु रुप से क्रियान्वयन करता रहे।सुचारु व सही दिशा में किसी कार्य को करवाने के लिए लिए या शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छा कार्य हो उसके लिए प्रत्येक जिला स्तर पर एक office education (शिक्षा कार्यालय) होता है।जिससे पूरे जिले में होने वाली गतिविधियों को ऊपर स्तर तक पहूंचाने व बड़े स्तर की जानकारी को जमीन या आखरी स्तर तक पहूंचाने का कार्य भी कार्यालय के द्वारा होता है।

Office education|कार्यालय शिक्षा का उद्देश्य सभी प्रकार के नियम जो उच्च स्तर से निम्न स्तर तक पहूंचाकर उनको मूर्त रुप प्रदान करवाने का कार्य इनका ही होता है।

office education|कार्यालय शिक्षा के फायदे

जब पूरे तंत्र को सही तरिके से सूचारे रुप में चलाने के लिए निम्न स्तर के कर्मचारियों और उच्च स्तर के कर्मचारियों के बीच समन्वय बना रहता है,व आसानी से किसी भी जानकारी को किसी भी स्तर पर कुछ ही समय में विभाजन के माध्यम से पहूंचाया जा सकता है।जिससे उक्त कार्य में आसानी व सरलता हो जाती है।

office education| कार्यालय शिक्षा का विभाजन किस प्रकार है?

1.पहला स्तर राज्य स्तर से जिला स्तर का होता है।जो किसी भी कार्य  या योजना को राज्य से जिले या जिले से राज्य स्तर तक ले जाने का कार्य करता है।
2. जिला व विकासखंड स्तर का होता है जो जिले व विकासखंड में होने वाले पत्राचार व्यवहार को एक दूसरे के मध्य समन्वय स्थापित करता है।
3 यह स्तर विकास खंड व संकूल  स्तर का जो दोनो आपस में सामंजस्य स्थापित कर योजनाओं को लागू करवाते हैं।
4.संकूल स्तर से जनशिक्षा केन्द्र के बीच सामंजस्य स्थापित कर योजनाओं को लागू करवाने का रहता है,
5. जनशिक्षा केन्द्र से लेकर स्कूल तक योजनाओं का क्रियान्वयन करवाने का कार्य विभाजान के माध्यम से होता रहता है।

office education| कार्यालय शिक्षा का महत्व

यह किसी भी योजना को मूर्त रुप देने के लिए महत्वपूर्ण होता है,जिससे किसी भी योजनाओं को आसानी से लागू कर सब को आसानी से फायदा मिल सके।कार्यालय शिक्षा (office education)   के माध्यम से सभी स्तर में कार्यों का विभाजन होकर कार्य सही तरिके से होता है,जिससे वह आसानी से व जल्दी हो सकता है,अगर ये तंत्र नहीं बनाया जाता है तो सारी व्यवस्थाएं बिगड़ जायेगी व योजनाओ का सूचारु रुप से क्रियान्वय नहीं हो पायेगा,अत:कार्यलय शिक्षा(office education) का बहुत अधिक महत्व होता है।

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