बिजनेस प्लान कैसे बनाए Businesses प्लान बनाने से पहले कुछ बातों का हमे विशेष खयाल रखना चाहिए- सर्वप्रथम तो ये देखना है हम पहले से अगर कुछ छोटा मोटा काम कर रहे है या जैसा भी व्यवसाय कर रहे है, उस बिजनेस ( Bussiness) को बेहतर कैसे बना कते है यानी जो हम कर रहे है उसमे अच्छी सफ़लता क्यों नही मिल रही है हम गलती कहा कर रहे है ये देखना बहुत जरूरी है। एक सबसे बडी बात ये भी आपके व्यवसाय में जब भी आप शुरू करते है उसके आय व्यय का हिसाब आपके पास होना चाहिए,यानी की ये देखना जरुरी है कि आप ने कितने फायदा कमाया या कितना नुकसान गया, कितना उसपर खर्च आया और कितना लास्ट में बचा है,ये देखना बहुत जरुरी है। जिस काम को कर रहे हो या शुरू करना चाहते हो उसमे ये देखना आवश्यक है की उसे हम दुसरे से बेहतर या दूसरों से अलग कैसे कर सकते है या ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत कैसे कर सकते है जिससे वो दूसरों से अलग दिखे। व्यवसाय शुरू करने की लिए निजी भवन या बिल्डिंग की जरूरत नही होती है, आप इसके किराए में ही वहा बेहतर कर सकते हो इसलिए ये विचार ना लाए की मेरे पास अच्छी बिल्डिंग नहीं है। बिजनेस ( Bussiness) हमेशा 1000 दिन म
प्रदूषण(polution) का मानव जीवन पर असर
प्रदूषण का मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पढ़ता है।मनुष्य की आंखों ,फेफड़ो जैसी चिजों पर प्रदूषण का असर पढ़ता है जिससे मानव समुदाय को बहुत सारी बिमारियों का सामना करना पढ़ता है।प्रदूषण के प्रभाव से सांस लेने से लेकर सांस संबंधित कई प्रकार की बीमारियों का जन्म होता है।मानव समुदाय के ऊपर आने वाले समय में प्रदूषण की गति को नियंत्रित करना अति आवश्यक हैं ,यह सम्पूर्ण सृष्टि जगत के लिए हानिकारक होता है।
प्रदूषण(polution) के दूष्प्रभाव क्या क्या है?
प्रदूषण के दूष्प्रभाव से मानव जाति पर संकट गहराया हुआ है।प्रकृति में बहुत सारे परिवर्तन मानव की वजह से होने के कारण ऐसे संकटों का सामना करना पढ़ रहा है ,जिसमें एक ये प्रदूषण भी महत्वपूर्ण है। प्रदूषण से फेफडे़,सांस ,दमा जैसी बीमारियों का कारण भी कुछ हद तक प्रदूषण होता है,हर जगह हम दूषित चिजों के सम्पर्क में आने से इन जैसी बीमारियों से ग्रसीत व त्वचा संबंधित रोग होना भी प्रदूषण का कारण बन रहा है।प्रदूषण अत्यधिक बढ़ने के कारण हमारे वायुमंडल में ओजोन परत में छिद्र हो गया है,जिससे प्रकाश की किरणें सिधे जमीन पर आने पर बहुत सारा नुकसान मानव के लिए होता है।केंसर जैसी बिमारियों को जन्म व किरणें सिधे आने से मानव शरीर को नुकसान होता है।
प्रदूषण से बचाव के उपाय
पर्यावारण प्रेमी संस्थाएं भी निरन्तर समय समय पर मानव जाति को जाग्रत करने के लिए अभियान चलाती रहती है।ऐसे अभियानों का हिस्सा बनकर प्रत्येक नागरिक को सहयोग व सहायता करना चाहिए।मानव जाति पर गहराने वाले संकट से रोकने के लिए समय पूर्व ही सभी नागरिकों को प्रदूषण से रोकथाम हेतू उचित उपाय करना चाहिए।
प्रदूषण(polution) के प्रकार
प्रदूषण कई प्रकार के होते जो मानव समुदाय के लिए हानिकारक होते हैं।कुछ प्रदूषण इस प्रकार है।
भूमि प्रदूषण(polution)
विश्व में धीरे धीरे सिंचित भूमि का क्षेत्र वनों की कटाई से धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है।साथ ही ऐसे क्षेत्रों में लगने वाली फेक्टरियां व रासायनिक केमिकल इत्यादि के जमीन के अन्दर जाने से व फसलों का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से उर्वरक खादों के प्रयोग से मृदा प्रदूषित(polution) होती जा रही है। भूमि धीरे धीरे बंजर अत्यधिक उर्वरक खादों का प्रयोग करने से हो रही है।जिससे वहां उत्पन्न फसल के द्वारा मानव जाति के शरीर पर विपरित प्रभाव पढ़ता है। जिस प्रकार का जैविक आहार उन्हें चाहिए होता है उस प्रकार का मिल नहीं पाता है ,जिससे मानव जाति की क्षमताओं में कमी रहती है।भूमि प्रदूषित प्लास्टिक ,केमिकल ,उर्वरक जैसी चिजों का मृदा के सम्पर्क में आने से होती है
वायु प्रदूषण(polution)
वायु प्रदूषण अत्यधिक मानव जाति पर प्रभाव डालने वाला प्रदूषण है,जिसके द्वारा बहुत सारी बीमारियों का जन्म हो रहा है ,जो मानव जाति के लिए बहुत ही गलत है।वायु प्रदूषण वाहनों के द्वारा छोड़ने वाले धुंआ ,कारखानों में उंची उंची चिमनियों से निकलने वाले धूएं
से हो सकता है। वायु प्रदूषण(polution) किसी भी प्रकार की प्लास्टिक के जलने से निकलने वाले धूंए के कारण भी बढ़ता जा रहा है।
वायू प्रदूषण बड़े बड़ेे शहरों में अत्यधिक आवागमन होने कारण वाहनों से निकलें धूएं के कारण अत्यधिक बढ़ जाता है,प्रदूषण अत्यधिक होने से गर्मी के दिनों में प्रदूषण के कारण वहां का तापमान भी अधिक होता है।ट्रेक्टर,बस,मोटरसाईकिल ,कार या जितने भी वाहनों से धूंआ निकलता है सब वायू प्रदूषण के कारण होते हैं।
जल प्रदूषण(polution)
नदि, नाले व तालाबों का पानी भी धीरे धीरे दूषित हो जा जाता है,नदि नालों में भैसो को नहलानें से ,कारखानों का गंदा पानी नदियों में मिलाने से,कूड़ा कचरा नदि नालों में फेकने से भी जल प्रदूषण हो रहा है,शहरों व कारखानों से निकलने वाला गंदा पानी नदि नालों में मिलने से सबसे ज्यादा जल प्रदूषित होता है। जल प्रदूषण के कारण भी बहुत सारे मच्छर पैदा होते है,जिससे मलेरिया ,डेंगू जैसी बीमारियों का जन्म मच्छर के काटने से होता है।
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प्रदूषण के कारण मानव जाति पर संकट।ना आये इस हेतु प्रत्येक आम नागरिक का दायित्व होता है कि वह प्रदूषण नियंत्रण हेतु कदम उठाये,अत्यधिक धुंआ युक्त वाहनों का प्रयोग ना करें,नदि नालों में गंदा पानी छोड़ने से बचना चाहिए।
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