Good morning frinds. शरत ऋतु में सुबह का आलम
दोड़ स्थल का नजारा (good morning all dear friends)
वहां के नजारे में कुछ और भी मनमोहक लग रहा था ,वहां ओस की बूंदे व हल्के बरसात की बूंदो से घास पर टीकी पानी बूंदें मोतियों की तरह चमक रही थी मन को मोहित करती बूंदे ने Good morning की ताजगी को और आनंदित कर दिया।
मैंने मेरी दोड़ उस ठंड के मौसम भी निरन्तर रखने के लिए दोड़ लगाना प्रारंभ किया ,दोड़ते दोड़ते मेरे प्रतिदिन वाले स्थान जहां 1 कि.मी. का रोड़ पर लगा शिला का निशान तक पहूंच जाता हूं,सांस फूल जाती है शरीर में गर्मी सी आ जाती है ,फिर धीरे धीरे दोड़ने गति कम करता हूं,अन्तिम जगह पहूंच जाता हूं।
फिर प्रतिदिन की भांति वहां से वापस पैदल चलते हुए धीरे धीरे घर की ओर पहूंचता हूं।घर से तैयार होकर ऑफिस के लिए निकलता हूं।
good morning friends(घर से निकलने के पश्चात रास्ते की घटना
रास्ते में कुछ कार्य से रोड़ के पास गाड़ी रोकना हुई, तो जैसी ही गाड़ी रोकी मेरी नजर वहां एक अमरूद के पेड़ पर गई, जिसके फल लग रहे थे,उसके पास में ही एक अमरूद का पेड़ कटा हुआ दिखा कुछ समय हो गया होगा जिसके कारण वापस उसने फूटन ले रखी थी,ये देख कर मेरे मन में सुबह सुबह उस ठंडी में जीवन की एक सिख मिली ,जब हम किसी पेड़ को काटते हैं ,हमारे उपयोग के लिए हम फल तोड़ते समय लाठी डंडो से पत्थर मारकर फल गिराने का प्रयास करते हैं,फिर भी कभी वृक्ष ने ये नहीं कहा के मुझ पर इतना झूल्म क्यों हो रहा है,मैं तो आपको फल देता हूं फिर भी ऐसा क्यों?
साथ में जो फूटन होते पौधे को देखा तो विचार आया कटने के बाद भी यह दूसरों को फल देने के लिए फिर से तैयार होने लगा है।मैंने सोचा जब ये पेड़ होकर इतना कर सकता है मैं क्यों नहीं? यह परोपकार के लिए जी रहा है जिसकी कोई ईच्छाए, कोई मांगे नहीं कोई ख्वाईश नहीं है फिर भी ये दूसरे के लिए फल दे रहा कटने के बाद भी फिर से फूटन करके परोपकार के लिए तैयार है ,फिर मैं तो इंसान हूं,मैं क्यों नहीं कर सकता हूं।
फिर मन में विचार आया कि इंसान कितना स्वार्थी हो गया है,जो स्वयं के अलावा कुछ नहीं दिख रहा है,वो स्वयं को संभालने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है,देश में ऐसे कितने ही लोग है जिन्हें सहारे की जरुरत है उन लोगों की वृक्ष की भांती बीना कुछ मांगे या लिए उनकी सेवा करना चाहिए,परोपकार सबसे बड़ा धर्म या कर्तव्य है ,जिसे मनुष्य को निभाना चाहिए।
इस प्रकार आज सुबह की उस प्यारी सी मुस्कान के कारण दिन की शुरुआत ने पुरा दिन खुबसूरत बना दिया।
Comments
Post a Comment