नारी शक्ति(woman power) की ताकत
नारी शक्ति(woman power) की कोई सीमा कोई अन्त नहीं है।हम अक्सर यह सोच लेते है कि नारी अबला होता है,जबकि सच्चाई यह है कि नारी की ताकत की कोई सीमा नहीं है वो जो चाहे वो दुनिया में कर सकती है ,असंभव को संभव बना सकती है।नारी शक्ति कभी कमजोर ना कल थी,ना आज है ना कल होगी। उसकी मानसिक क्षमता व उसकी सोचने की क्षमता के द्वारा किये गये कार्यों के द्वारा पूरे संसार के पुरुष वर्ग को झूकाने की शक्ति(power) उसमें होती है।वह अपने सोच के आधार पर मनुष्य को जो चाहे वो करने पर मजबूर करने की ताकत रखती है ।
हम भी हमारे पाठक नारीयों से यही कहना चाहेंगे,आप कमजोर नहीं है ,आपकी ताकत की सीमा का कोई पार नहीं है।सृष्टि में कोई ऐसा कार्य नहीं जो आप ना कर सको,या कोई ऐसा कार्य नहीं जिससे आप ना करने पर पराजित हो सके।आपको हिम्मत करके आगे बढ़ने वाले कदमों को रोकना नहीं चाहिए,आपको कदमों के बढ़ते निशानों को देख पूरी दुनिया पिछे पिछे आने पर मजबूर हो जायेगी,अपनो कदमों को बढाकर सम्पूर्ण संसार के कल्याण व विकास में आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका अदा करें।आप के कार्यों की कभी उपेक्षा नहीं होगी,मन में संकल्प के साथ कदम को आगे बढ़ाते रहें।
नारी शक्ति(woman power) पर अत्याचार से निवारण
प्रत्येक क्षेत्र या देश में देखा जाता है ,नारी पर अत्याचार होते रहते हैं,परन्तु उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वहां की सरकारें निरन्तर करती रहती है,कई नियम कानून बने रहते हैं ,जिनके माध्यम से अपराधों को रोका जाता है,प्रत्येक महिला या स्त्री या नारी को ये सुनिश्च करना चाहिए की उनके अधिकारों का हनन ना हो उस हेतू अपने अधिकारों की जानकारी अवश्य होना चाहिए,जिससे समय आने पर सरकार से अधिकारों का हनन होने पर अपनी बात पूरी क्षमता के साथ हम रख सके।दूसरा मन में दृढ़विश्वास रखना भी अत्यन्त जरुरी है ताकि हम किसी भी परिस्थियों का सामना कर सकें।
नारी शक्ति(woman power) की वीरता
दुनिया भले ही नारी को कमजोर समझती है ,भर उनकी ताकत बहुत ज्यादा होती है,उदा. के तौर पर देखा जाय तो भारत में रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं ने अकेले अंग्रेजों के छक्के छूड़ा दिये थे ,अहिल्याबाई,बछेन्द्री पाल-पर्वतारोही,जैसी अनेक महिलाएं है जिन्होनें विश्व में अपना नाम रोशन किया है।परिवार में अगर नारी चाहें तो परिवार को शीर्ष पर पहूंचा सकती है,एक नारी चाहे तो उसी परिवार को गर्त में ले जा सकती है,नारी के अनेक रुप पर्दे के पिछे रहकर कार्य करते हैं जो दुश्मनों से लौहा लेन के लिए तत्पर रहते हैं,बस आपको अपनी सोच को बढ़ाकर संघर्ष जारी रखकर जो चाहे वो आप कर सकती है।
हे नारी तू अबला नहीं,हे नारी तू सबला है।कर ऐसा तू जिससे ,दुनिया देखे कि क्या कला है।
जीवन में कुछ करना है,जीवन में आगे बढ़ना है।
देख जमाना पिछे खड़ा है,ऐसा कुछ कर दिखाना है।
जमाना हमेंशा सोचता है तू कमजोर है,
दिखा दे उन्हें ऐसा मंजर,वो स्वयं कहे क्या शोर है।
देख तूम्हारी ताकत हर एक को उछलना है,
संघर्ष ऐसा कर ,कुछ कर गुजरना है।
दिखावे की दुनिया को आज कुछ दिखाना है,
जमाना बढ़ा जालिम है,चमत्कार( कुछ नया करना)को ही कुछ समझता है।
ऐसा कुछ करजा जिससे ,तेरा काम संवरजाये,
लोग तो कहेंगे क्या बला है,पर भविष्य तेरा संवारना है।
नारी शक्ति(woman power) की वर्तमान परिस्थिति
वर्तमान में नारी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से लगाकर शहरी क्षेत्रों में भी धीरे धीरे विकास व नये युग की ओर अग्रसर होती जा रही है।वहीं भारत के कुछ क्षेत्र में शिक्षा के अभाव में आज भी पुरुष प्रधान की परम्परा ग्रामीण क्षेत्रों में चली आ रही है,आज भी इन क्षेत्रों में नारी (woman) को कमजोर माना जाता है,व कई प्रकार के विचार नहीं मिलने से लड़ाई झगड़े से कुछ जगह सामना हो जाता है,शिक्षा के व्यापक प्रचार होने के बाद भी अभी भी कुछ जगह नारी(woman) शिक्षा में पिछे है उसका कही ना कही कारण पुरुषा प्रधान समाज है।पुरुषों के पास ऐसा पुुरुष वर्ग सोचता सोचने व निर्णय लेने की क्षमताओं में महिलाओं की हिस्सेदारी कम होती है,अब परिस्थितियों में धीरे धीरे बदलाव हो रहा है।
नारी शक्ति(woman power) के कार्य जो करने की क्षमता रखती है।
आज वर्तमान परिस्थियों में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आकर कार्य कर रही है,किसी भी शासकीय सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी निश्चित देखने को मिल रही है,आज वायु सेना थल सेना प्रत्येक जगह पुरुषों के साथ कंंधे से कंधा मिलाकर नारी शक्ति चल रही है।
इसलिए कहा गया है कि नारी तू अबला नहीं, सबला है तू।
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