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जीवन को बेहतर कैसे बनाए। Jiwan Ko kaise Behatar Banaye

 जीवन को बेहतर बनाने के तरीके  दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है की उसका जीवन बेहतर हो अच्छा हो, उसके जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे, उसे हर खुशी मिले , यह हर व्यक्ति की सोच रहती है।          अब सबसे महत्त्वपूर्ण ये है की हम इन सब को कैसे अच्छा कर सकते है, या जीवन को कैसे बेहतर बना सकते है। बेहतर जीना है तो हमे अपनी सोच बदलकर शुरुआत करनी चाहिए। हमारा स्वभाव ऐसा होता है कि हम अपने से ज्यादा पैसे वाले, अपनो से ज्यादा सुंदर या जो चीज़ हमारे पास नहीं है और वो चीज़ दुसरे के पास है या हमसे ज्यादा है या हमसे अच्छी है, तो हमारे मन में ये विचार चलते रहते है की हमारे पास ये नहीं इसके पास ये है,इस विचार से हम दुःखी या मन में अच्छा फील नहीं करने लगते है, तो इसके लिए हमे ये चाहिए कि हम इस प्रकार की तुलना या सोच ना रखते हुए ये विचार रखें कि जो हमारे पास है हम उसमे ही खुश है। जो है हमारे पास पर्याप्त है। तो हम थोड़ा तनाव मुक्त होकर अच्छा अनुभव करेंगे। यही तो बेहतर जीवन है दोस्तों। जीवन में बदलाव कैसे लाए जीवन में कुछ बढ़ा या अच्छा करना हो तो जैसे पहले जीवन चल रहा था, उसने बदलाव की जरूरत है। जीवन

सुन्दरता क्या होती है ?Sundarta kya h?

 सुन्दरता क्या होती है ? इसे कैसे जाना जाता है। 

सुन्दरता या सुन्दर शब्द जब भी व्यक्ति के जहन में आता है तो उसके मन में किसी स्त्री या पुरुष के चेहरे की सुन्दरता के बारे में व्यक्ति के मन में विचार आने लगते हैं। व्यक्ति सोचने लग जाता है कि ये बस इसी बात की बात हो रही है वह सिर्फ रुप के बारे में ही सोचने लगता है। 

           आज मैं आपको व्यक्ति की मन की सुन्दरता के बारे में बताऊंगा।जब हम किसी के चेहरे से उसकी सुन्दरता का आंकलन करते है तो वह असल में गलत होता है। व्यक्ति का मन साफ होना चाहिए,किसी के बारे में गलत विचार नहीं रखते हुए ,हमेंशा दूसरे के हित के बारे में चिंतन करते रहने वाले व्यक्ति के मन की सुन्दरता सबसे महान होती है।हमें व्यक्ति के गुणों को देखते हुए उस व्यक्ति की सुन्दरता का आंकलन करना चाहिए कि ये किस प्रकार से सुन्दर है। या कितना सुन्दर है।

         सुन्दरता को जानने के लिए व्यक्ति का मन ,उसके विचार व उसका व्यक्तित्व देखना चाहिए ।उसके आधार पर ही किसी  व्यक्ति की सुन्दरता का आंकलन होता है ,ना कि उसके चेहरे को देखकर ।जो चेहरे देखकर सुन्दरता का आंकलन करते है वे हमारा साथ बीच में छोड़ते है या उनके विचार आप से सहमत होने वाले नहीं होंगे या फिर कई प्रकार से वो आपके साथ जीवन बीताने में विभिन्नता के साथ जीयेंगे।जिससे हमारा सांसारिक जीवन सुखी नहीं होंगे।

सुन्दरता कितने प्रकार की होती है?

सुन्दरता देखा जाये तो हमारी सोच पर निर्भर करती है।हमारी सोच के अनुरुप व्यक्ति को दिखने लगता है । वो जैसा चाहे देख सकता है ये उसके स्वयं के उपर निर्भर है वो कैसा देखना चाहता है।जिस व्यक्ति की सोच बुरी होगी उसके मन में दिखने वाली सुन्दरता भी बुरी होगी,जिसकी सोच अच्छी होगी,उसको सब सुन्दर ही दिखेगा। 
                सुन्दरता के सामान्यत: दो प्रकार मानते है कुरुप व रुपवान ।परन्तु असल में सुन्दरता व्यक्ति के विचारों पर निर्भर करती है। हम सुन्दरता का आंकलन  हमेंशा सामने वाले के गुणों के आधार पर करना चाहिए।

क्या सुन्दर होना जरुरी है ?

सुन्दरता शब्द को हम हमारी सुन्दर सोच सोच के साथ सुन्दर सोचकर करना चाहिए। सुन्दरता जीवन में अपने आचरण के कारण अपने व्यक्तित्व में आती है। ना की चेहरे में। प्रश्न ये है कि क्या सुन्दर होना जरुरी है ? ये सबसे गलत विचार है जीवन में व्यक्ति महान व चर्चित अपने आचरणों से होता है।ना कि अपनी सुन्दरता से ।इसलिए जीवन में व्यक्ति को सुन्दर होना जरुरी नहीं है।अपने कर्म महान होंगे ,तो जग में उसके जयकारे होंगे,उसे उसके कार्यों के कारण जाना जायेगा ,ना कि उसके सुन्दरता से।हमें जीवन में ये याद रखना है कि कुछ कर गुजरने के लिए या इतिहास रचने के लिए या अपना भविष्य निर्धारित करने के लिए हमें अपने अन्दर के पुरुष को जगाकर अपने आपकी ताकत पहचान कर कुछ कर गुजरकर हमें ये दिखाना होगा कि चेहरे महान नहीं होते है ,व्यक्ति का व्यक्तित्व महान होता है। इसीलिए जीवन में सुन्दर होना जरुरी नहीं है।

सुन्दरता कैसे आती है?

व्यक्ति की सुन्दरता का कोई माप दण्ड नहीं होता है ,सुन्दरता लाने के लिए कोई नियम नहीं होता है। हमें सौन्दर्य प्रसाधन की चिंजों का उपयोग करके चेहरे की सुन्दरता नहीं ला जा सकती है, ये सुन्दरता कुछ समय के लिए होती है।बल्कि हमें जिंदगी भर की सुन्दरता चाहिए जो हमें हमारे गुणों के आधार पर मिलती है।

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