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दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए| Do Dilon Ka rishta

 दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है।  दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।

सुकून के पल | Moments of peace

 सुकून के पल क्या होते हैं?What is moments of peace

व्यक्ति भाग-दोड़ भरी जिन्दगी में अपना जीवन व्यतीत करता है। आज प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी परेशानी से झूझ रहा है। हम जीवन को सुकून के पल के साथ जीना चाहते हैं पर वैसा हम कर नहीं सकते हैं।जीन्दगी के शुरुआती दौर में हमारे पास कुछ करने का जज्बा रहता है। फिर धीरे हमें चिन्ता या परेशानी होती है।ऐसे में अपने जीवन व व्यापार व व्यवसाय में कुछ सुकून के पल भी निकाल कर हमें तनाव मुक्त रहकर भी हमारे जीवन को आराम दायक बनाना चाहिए।

             जब हमें किसी प्रकार के तनाव मुक्त जीवन में रहना है तो ये सुकून के पल ढूंढना होंगे।ये हमेंशा ऐसी जगह हमें मिलेंगे जहां पर कोई व्यक्ति ना हो।शांत वातावरण हो,व हमारे अलावा कोई ना हो व मोबाइल का प्रयोग बिल्कुल ना हो,ऐसे स्थान पर बैठकर गहरी सास लेकर ध्यान में बैठकर आराम से मन को एकाग्र करके ध्यान लगाने से हमारे मन को शांति मिलती है।धीरे धीरे बार बार ऐसा करने से मन को एक सुकून सा मिलने लगता है। मन को वहां जाते ही हमेंशा की तरह सुकून मिलने लगता है।जब भी कही जाओगे,उन सुकून के पल की याद आयेगी।

सुकून के पल शायरी

जीवन में हमें किसी को इस प्रकार की समस्या से बाहर लाना है तो उसके मन को खुश करके हमें शायरी के माध्यम से उसे खुश करके उसके जीवन को बेहतर बना सकते है।
जब भी ढूंढता हूं जिन्दगी में, सुकून के पल कहा मिलते हैं।मन के मोती मन में रहते ,जीवन में हर फूल खिलते हैं।देख जमाना दिवाना होगा तेरा,क्या जीवन को समझ ले तू सुकून से ।हमारी आत्मा हमारा मन है तेरा ,जब ही मिले ,दिल गवाही दे कर बोले आ जी ले दो पल तू भी सुकून से।

सुकून के पल कहा कहां मिलते हैं ?

बच्चा जब रोता है तो सबसे अधिक सुकून उसे जब मां अपने आंचल में छिपा लेती है ,तब बच्चे को जीवन का अनन्त सुकून मिलता है।उस मन की पीढ़ा या आकांक्षाएं समाप्त सी हो जाती है,जब मां के आंचल में बालक सुकून के पल बीता रहा होता है।

       जब पति व पत्नि में एक दूसरे के प्रति द्वेश भावना को छोड़कर या सार्वजनिक रुप से एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव जब जगता है तो वो सूकुन के पल एक दूसरे को असीम आनंद की अनुभूति होती है।

        जब पुत्र का पिता के प्रति सम्मान बढ़ता है या पिता के द्वारा दिये गये आदेशों की पालना होती है तो वह पुत्र के प्रति या पिता का पुत्र के प्रति पुत्र के गुणों को देखकर जो सम्मान की अनुभूति या सुकून के पलों का आनन्द होता है वह किसी भी पल से कम नहीं होता है।ये कुछ पल मैंने आपको बताये है, जिनका जीवन में प्रभाव पढकर सुखद आनन्द की अनुभूति करते हैं।

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