दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
सफलता के मंत्र
- सफल लोगों की सोच हमेंशा इन्हें सफल बनाती है।
- वे हमेशा संघर्ष करते रहते हैं, डटकर सामना करते हैं।
- हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लक्ष्य से कभी भटकते नहीं है।
- हमेशा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों या व्यक्तियों का पूरा ध्यान रखते हैं|
- समय की पाबंद होते हैं, समय पर सभी कार्य पूर्ण करते हैं।
- विपरीत परिस्थितियों में कभी भी डगमगाते नहीं है।
- ईमानदारी से अपने कार्य के प्रति कर्तव्य निष्ठ रहते हैं।
- व्यवस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से रखते हैं,किसी प्रकार की अव्यवस्थाएं नहीं होने देते है।
- कार्य को प्रारंभ करते हैं तो परिणाम की चिंता नहीं करते है।
- हमेंशा सकारात्मक सोच रखते हैं,नकारात्मकता कोसों दूर रहती है । हमें भी हमेशा सकारात्मक बने रहना चाहिए ।
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