दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
मेरा हमसफर कैसा हो|| Mera Hamsafar Kaisa Hona Chahiye
जीवन की हर खुशी का एहसास होता है,ऐसा ही मेरा हमसफर होता है।जीवन में दु:ख जब भी आये हमारी हिम्मत वो हो ऐसा हमेंशा एहसास हो। जो ना कहे शब्दों को मेरी भावनाओं से समझ ले ऐसा मेरा यार हो,मेरे हमसफर की ऐसी वो कहानी हो, जो दिखावटी दुनिया से बाहर सच्चाई को पहचाने,जिनके चलने व आने से मैं उसकी आहट पहचान लू, जिसके महकने से पूरी दुनिया महके, और सबसे महत्वपूर्ण बात वो मेरे भविष्य की मेरे करियर की चिंता कर मेरे व्यवसाय या कार्य की हिम्मत बने, मुझे बस ऐसा हमसफर चाहिए ।
अच्छा हमसफर कैसे मिलता है?
एक अच्छा हमसफर उसके चेहरा देख पहचानना शायद गलत हो सकता है, तो फिर हम पहचानेंगे कैसे कि यह हमारे लिए सही पसंद है। उसके लिए हमें उसके विचारों को जानना अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि आपने उसके विचार ना जाने तो वह किस प्रकार की प्रकृति का व्यक्ति आपका हमसफर बन रहा है यह जानना बहुत जरुरी है।वह आपके सुख दुख का सहभागी बन सकता है या नहीं या वह आपको समझ सकता है या नहीं यह सब बातें जानना अत्यन्त आवश्यक है । कुछ प्रवृतियां ऐसे होती है जो आपको प्रभावित करने के लिए होती है,जिन्हें जानना अत्यन्त आवश्यक होता है। तुम्हें अच्छा लगे वो करने वाला तो हो ही साथ में क्या सही है क्या गलत यह एहसास कराके सही मार्गदर्शन करने वाला भी होना चाहिए। ऐसी ही हमें बहुत सारी बातें समझकर ही अच्छे हमसफर का चयन हम कर सकते हैं ।
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