खुद को नियंत्रित कैसे रख सकते है | जीवन में हम हमेशा किसी कार्य को लेकर या कुछ ऐसा हमारे साथ गठित हो जाता है जिससे हम स्वयं को नियंत्रित नही कर पाते है | हम ऐसे परिस्थिति में कुछ गलत कदम उठा लेते है ऐसे में हमे क्या करना चाहिए | उसके लिए हम कुछ टिप्स आपसे शेयर करेंगे | हमे हमारी मनः स्थति को सय्यमित रखने के लिए हमे सबसे पहले धैर्य रखना चाहिए | धैर्य आपकी उस स्थति के परिणाम को कुछ अच्छी जगह पर ही लेकर ही जायेगा | इसलिए जब भी कुछ ऐसी विपरीत परिस्थितियां बनती है उसमे हमे घबराना नहीं चाहिए | हड़बड़ाहट में हम हमेशा कुछ न कुछ गलती कर बैठते है | इसलिए कुछ भी ऐसा होने पर या तो क्रोध को स्वयं पर हावी न होने दे या दुःख की परिस्थिति बनती है तो स्वयं को ऐसा फील होने से रोके की में अंदर से टूट चूका हु या अब में कुछ नहीं कर सकता हूँ | हमारे मन में उस कमी को जिसे हम पाना चाहते है या किसी चीज जिसे हमे पाने क लिए प्रयास किया था उसके खोने या कम होने पर मन में ये विचार लाना चाहिए की जो गया हे शायद वो हमारे लिए ठीक नहीं था मुझे जिंदगी उससे भी कुछ अच्छा देने जा रही है इसी लि
ज़िन्दगी जीने का तरिका
ज़िन्दगी जीने का सही तरिका स्वयं व अपनों की खुशी के साथ जिया जाता है। जब तक जीवन में खुशियां नहीं होती है, हम जो चाहे उस अनुरुप सभी ना हो परन्तु जिसको करने से हमें भी और दूसरों को भी खुशियां मिले वो असल में ज़िन्दगी जीने का सही तरिका है।
जब हम खुशियों को पाने के लिए या किसी अन्य को चोंट पहूंचाकर खुशी पाने का प्रयास अगर कर रहे हैं तो उससे दिल को खुशी मिलेगी पर मन में वो ही द्वेष भावना से मन मस्तिष्क अशांत रहता है जिससे शरीर को आन्तरिक खुशी नहीं मिलती है।इसलिए खुशी वो हो जो दूसरे को खुशी दे जाती है, उस खुशी के अनुभव की बात फिर अलग होती है।
ज़िन्दगी में खुशी किन कारणों से दूर होती है?
- जब जब हम दूसरे को हानि पहूंचाते है या प्रयास करते हैं जिससे हमारे मन में द्वेष भावना पैदा होती है जिससे हमसे खुशी दूर होती है।
- खुशी पाने के लिए खुशी देना जरुरी है।
- जिन्दगी जिने के लिए ज़िन्दगी को को करीब से महसूस करिये,हम जो है उसमें खुश रहिये, दूसरों को देखकर जिने का प्रयास करोगे तो जिन्दगी की खुशी समाप्त हो जायेगी।
- ज़िन्दगी में खुशी तभी संभव है जब हम जिन्दगी को खुलकर जिते है।
- जीवन में जो पसंद हो वो करिये, अगर आपका मन नाचने का करता है तो रोकिये मत, डांस करना शुरु करिये, जैसा भी आता है सही हो या गलत करिये, ज़िन्दगी की खुशी का एहसास होगा।
जिन्दगी में सफलता का राज है खुशी
जब हमारा मन प्रसन्न रहता है तो हम हमेंशा कुछ अच्छा व नया करना चाहते है, और नया व्यक्ति तभी कर सकता है जब प्रसन्न मन के साथ जीवन जी रहा है,दबाव व तनाव में व्यक्ति कभी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है।
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