भारत में राखी क्यों मनायी जाती है? भारत में राखी भाई बहिन के पवित्र रिश्ते के रुप में मनाये जाने वाला त्यौहार है, इस दिन बहिन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। भाई अपनी बहिन को उसकी रक्षा का वचन देता है।इस दिन घरों में मिठाईया बनती है।नये नये कपड़े पहने जाते है। राखी भाई बहिन का वो पवित्र रिश्ता है जिसमें भाई अपनी बहिन को रक्षा का वचन देते हैं । भारतीय संस्कृति में रिश्तों का महत्व इतना अधिक इसीलिए होता है, जिससे हमारा देश आज भी एकता के सूत्र में बंधा हुआ है। जहां रिश्तों की डोर कमजोर होती है, वहां रिश्तों में दरार हो जाती है। जिससे रिश्ते या तो टूट जाते हैं या फिर कमजोर हो जाते हैं। इसलिए ये भारतीय परम्पराओं को निभाने वाले त्यौहार निरन्तर चलते रहते हैं,जिससे रिश्ते मजबूर होते हैं। राखी कब मनायी जाती है? राखी प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनायी जाती है।इस दिन राखी की डोर भाई बहिन एक दूसरे की कलाई पर राखी बांधकर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बढ़े ही धूम धाम से मनायी जाती है। पूरे भारत में मनाये जाने वाला त्यौहार है। राखी का कच्चा धागा जरुर रहता है परन्तु इसके रिश्ते की
हार से निराश नहीं होना है, जिंदगी की सिख है हार जिंदगी में हर जित चलती रहती है ,हमरे जीवन को हमे बेहतर बनाना है या हमे जीवन में आगे बढ़ने है तो निराश मत होइए,आपकी हार वो थी,जिससे भविष्य में होने वाली सफलताओ के बिच में कोई समस्या नहीं आये,वो कमिया हमे हर से सिखने को मिलती है| हार हमे कमजोर नहीं हमारी कमी समझती है तू यहाँ गलत था अब ऐसा कर जो गलती पहले करि है वो फिर दोहराना नहीं दोबारा वही देखना पढ़ेगा जो चुके हो| इसलिए हार हमेशा सिखाती है उसे निराशा के साथ न लेकर हम ये सीखे की हमे कुछ नया सिखने को मिला है जिससे हम कुछ नया सिख सकते है| हार क्या होती है ? जब हम किसी कार्य को पूरी ईमानदारी से नहीं करते है,और उसमे सफलता नहीं मिलती है तो हम उसे हार समझ लेते है| हमारे सोचने का तरीका कुछ अलग है हम हार को अपनी कमी समझ उस कमी को कैसे करके फिर से प्रयास करके उसे कैसे सफल बनाया जा सकता है| हमारी गलती को हम सिख बना कर कार्य करते है,उससे बेहतर परिणाम आने में जुट जाते है| जब निराशा होती है हम उसे हर अपनी हार समझ लेते है,हताशा जीवन के विकास क