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जीवन को बेहतर कैसे बनाए। Jiwan Ko kaise Behatar Banaye

 जीवन को बेहतर बनाने के तरीके  दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है की उसका जीवन बेहतर हो अच्छा हो, उसके जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे, उसे हर खुशी मिले , यह हर व्यक्ति की सोच रहती है।          अब सबसे महत्त्वपूर्ण ये है की हम इन सब को कैसे अच्छा कर सकते है, या जीवन को कैसे बेहतर बना सकते है। बेहतर जीना है तो हमे अपनी सोच बदलकर शुरुआत करनी चाहिए। हमारा स्वभाव ऐसा होता है कि हम अपने से ज्यादा पैसे वाले, अपनो से ज्यादा सुंदर या जो चीज़ हमारे पास नहीं है और वो चीज़ दुसरे के पास है या हमसे ज्यादा है या हमसे अच्छी है, तो हमारे मन में ये विचार चलते रहते है की हमारे पास ये नहीं इसके पास ये है,इस विचार से हम दुःखी या मन में अच्छा फील नहीं करने लगते है, तो इसके लिए हमे ये चाहिए कि हम इस प्रकार की तुलना या सोच ना रखते हुए ये विचार रखें कि जो हमारे पास है हम उसमे ही खुश है। जो है हमारे पास पर्याप्त है। तो हम थोड़ा तनाव मुक्त होकर अच्छा अनुभव करेंगे। यही तो बेहतर जीवन है दोस्तों। जीवन में बदलाव कैसे लाए जीवन में कुछ बढ़ा या अच्छा करना हो तो जैसे पहले जीवन चल रहा था, उसने बदलाव की जरूरत है। जीवन
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अपनो के प्रति विश्वास कैसे बनाए रखे।

 अपनो के प्रति विश्वास कैसे बनाए रखे। vishwas kaise Banaye rakhe विश्वास एक ऐसा एहसास है जिसमें हमारे मन में व्यक्ति के प्रति 2 प्रकार से भावना जागृत होती है, जिस भावना में व्यक्ति स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है, उस भावना को हम विश्वास कहते है जिससे हमारा भला होता है, दुसरे में असुरक्षित महसूस करते है, उस भावना में हमे भरोसा कम होता है, इसलिए हमारा मन ये मानता ही नहीं है कि हम इस पर भरोसा करे। इसलिए कार्य, भाषा या व्यवहार पर हमारा भरोसा निर्भर करता है।              हमारे विश्वास का आंकलन हमारे कार्य से या फिर हमारे व्यवहार और बोलचाल से पता लग जाता है, इसलिए हमारे भाषा में स्पष्टता और व्यवहार किसी को बुरा ना लगे ऐसा होना चाहिए जिससे हमारे उपर लोगो का भरोसा बड़ जायेगा।   विश्वास करना सीखो| Vishwas Krna Sikho विश्वास से बडी कोई चीज़ नहीं होती है, हमे विश्वास करना सीखना होगा, क्योंकि भरोसे पर पुरी दुनिया चलती है, भरोसे से ही सारे कार्य होते है, इसलिए हमे भरोसा करना सीखना होगा, हमारा मन क्या थोड़ा चंचल होता है, इतना जल्दी किसी बात पर भरोसा नही करता है परन्तु हमें जीवन में सफ़लता हासिल करने

दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए| Do Dilon Ka rishta

 दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है।  दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।

अच्छी पत्नि की पहचान क्या है | Acchi Patni Ki Pahchan kya hai

 अच्छी पत्नि की पहचान पत्नि किसी की भी सबको अच्छी ही लगती है, परन्तु बात यह आती है कि अच्छी पत्नि की पहचान या हमारा जीवन साथी बनने की योग्यता रखने वाली पत्नि कैसी होना चाहिए , अक्सर ये देखने में आता है पुरुष वर्ग को ऐसी पत्नि चाहिए जो उनकी हर बात में हा करे, परन्तु वो गलत होता है पत्नि को भी स्वतंत्र विचार रखने की आजादी होना चाहिए। और एक अच्छी पत्नि की पहचान या अच्छी पत्नि में कुछ ये गुण महत्व पूर्ण होते है। अच्छी आदर्श पत्नि हमेशा बड़ो का सम्मान करती है, पति के माता पिता को अपने माता पिता समझती है। हमेशा पति के मन में या उसकी भावनाओ को बिना कहे समझने का प्रयास हो वो एक अच्छी पत्नि की पहचान है। पति के असफल होने पर उसकी ताकत बने वो अच्छी पत्नि है। पति के काम में हाथ बढ़ाए वो अच्छी पत्नि है| जब पति कहे सब कुछ अच्छा चल रहा है उसके बाद भी समझ जाय के सब कुछ ठीक नही चल रहा है,वो अच्छी पत्नि है। अच्छी पत्नी कैसे बन सकती हूं  अच्छी पत्नि बनने का ये तात्पर्य नही है की सौंदर्य प्रसाधनों से अपने शरीर की सजावट करना या शरीर को सुंदर दिखाकर सुंदर या अच्छी पत्नि बना जा सके। अच्छी पत्नि हमेशा अप

मजबूती से खड़े कैसे रहे| Majbuti से khade kaise rhe

 मजबूती से खड़े कैसे रहे ? जब तक हम अपने अन्दर के आत्मविश्वास जिंदा रख लेते है कहने का तात्पर्य है इसे कमजोर नहीं होने देते है तो हम किसी भी व्यक्ती के सामने मजबूती से खड़े हो सकते है। जब हम सत्य के साथ खड़े रहते है तो हम मजबूती से खड़े रह सकते है, अगर हमरे मन में कोई किसी के बारे में गलत नहीं सोचा है तो हम मजबूती से खड़े हो सकते है, अगर हम किसी भी परिस्थिति में सत्य का साथ देते है तो हम मजबूती से खड़े हो सकते है। इस तरह से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता जायेगा और हम हर परिस्थितियों में मजबूती के साथ खड़े रह सकते है।  शारीरिक रुप से मजबूत कैसे बने? Sharirik Rup se Majbut Kaise Bane आम तौर पर देखा जाता है कि अत्यधिक लोगों के शरीर दुबले पतले होते है शारीरिक रूप से मजबूत नहीं होते है, या स्वप्न दोष के कारण या हस्त मैथुन के कारण शरीर को कमजोर कर लेते है।                  ऐसी स्थिति में व्यक्ति को जो जीम नही जा सकते है तो घर या जहा रहते है वहा रोड़ या कच्चे रास्ते में दौड़ या फिर व्यायाम योग के प्रतीदिन अभ्यास करने से, पुशअप या दंड बैठक या ऐसी कोई exercise जो आपको उचित लगती है, उसका बार बार

Exercise for Health | स्वास्थ्य के लिए अभ्यास

 स्वास्थ के लिए अभ्यास कैसे करें (Exercise For Health) जीवन में सफल होने के लिए सब कुछ है हमारे पास जैसे एक अच्छा आत्मविश्वास है एक अच्छी उम्मीद है परंतु हमारा शरीर अच्छा नहीं है यानी हमारा स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो हम किसी भी काम को उतनी ऊर्जा और लगन के साथ नहीं कर सकते है, इसलिए हमारे जीवन में एक उत्तम स्वस्थ का होना भी बहुत जरूरी है। जब स्वस्थ शरीर रहेगा तो हम किसी भी कार्य को दुगनी ताकत के साथ आसानी से कर सकते है।          स्वास्थ के लिए प्रतिदिन क्या अभ्यास कर सकते है ये आपको कुछ भी अतिरिक्त खर्चा करके करने की जरूरत नहीं होती है, अभ्यास के आप कुछ ये तरीके अपना सकते है - रनिंग -एक ये तरीका भी आपके स्वास्थ को बेहतर बना सकता है आप प्रतिदिन दौड़ लगाय आपके शरीर में ऊर्जा और स्वास्थ लाभ होगा। रस्सी कूद -ये प्रकार भी आपके शरीर और आपके स्वास्थ के लिए लाभदायक होते है। साइकिल -साइकिल चलाने से भी आपके शरीर में स्वास्थ लाभ या शरीर फीट रहता है। जॉगिंग - सुबह प्रतिदिन जॉगिंग करने से भी स्वास्थ के लिए एक्सरसाइज होती है। योग - योग के माध्यम से भी स्वास्थ के लिए अभ्यास किए जा सकते है।

ज्ञान का विकास कैसे कर सकते हैं | Gyan Ka Vikas Kaise kr sakte h

 ज्ञान का विकास कैसे करें? ज्ञान का विकास किसी भी परिस्थिति में तुरंत नहीं हो सकता है। ज्ञान निरंतर सीखने की एक शक्ति है जिसे जितना हम बाटते है, उतना बढ़ता जाता है। इस लिए ये सोचना या सोच लेना मै तो एक महीने या एक साल में सब कुछ सीख कर ज्ञान में परिपूर्ण हो सक्ता हूं तो ये मूर्खता होगी।          ज्ञान का विकास सतत सीखने की प्रक्रिया है जो धीरे धीरे अनुभवों के आधार पर बड़ता जाता है। इसके विकास के क्रम को बढ़ाने के लिऐ हमे निरंतर नित नए कार्य या जिस क्षेत्र में हम सीखना चाहते है उस क्षेत्र में निरंतर प्रयास करते रहना होगा तभी हम हमारे ज्ञान का विकास कुछ हद तक कर पायेंगे। क्योंकि यह कहना तो गलत होगा की मेरे ज्ञान का विकास हो चुका है, क्योंकि यह जीवन पर्यंत सीखने और निरंतर सीखत चलने वाला ज्ञान है जिसे कभी पूर्ण नहीं माना जा सक्ता है। ज्ञान बढाने के लिए क्या करना चाहिए? ज्ञान को बढ़ाने के लिए सबसे पहले हमारा शांत स्वभाव चाहिए, कहने का तात्पर्य है की जो व्यक्ती अत्यधिक बोलते है, या दुसरे की सुनना पसंद ना करके अपनी बात का बखान करते रहते है, ज्यादा गुस्सा या बात बात पर गुस्सा करते है, ऐस