दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
अच्छी पत्नि की पहचान पत्नि किसी की भी सबको अच्छी ही लगती है, परन्तु बात यह आती है कि अच्छी पत्नि की पहचान या हमारा जीवन साथी बनने की योग्यता रखने वाली पत्नि कैसी होना चाहिए , अक्सर ये देखने में आता है पुरुष वर्ग को ऐसी पत्नि चाहिए जो उनकी हर बात में हा करे, परन्तु वो गलत होता है पत्नि को भी स्वतंत्र विचार रखने की आजादी होना चाहिए। और एक अच्छी पत्नि की पहचान या अच्छी पत्नि में कुछ ये गुण महत्व पूर्ण होते है। अच्छी आदर्श पत्नि हमेशा बड़ो का सम्मान करती है, पति के माता पिता को अपने माता पिता समझती है। हमेशा पति के मन में या उसकी भावनाओ को बिना कहे समझने का प्रयास हो वो एक अच्छी पत्नि की पहचान है। पति के असफल होने पर उसकी ताकत बने वो अच्छी पत्नि है। पति के काम में हाथ बढ़ाए वो अच्छी पत्नि है| जब पति कहे सब कुछ अच्छा चल रहा है उसके बाद भी समझ जाय के सब कुछ ठीक नही चल रहा है,वो अच्छी पत्नि है। अच्छी पत्नी कैसे बन सकती हूं अच्छी पत्नि बनने का ये तात्पर्य नही है की सौंदर्य प्रसाधनों से अपने शरीर की सजावट करना या शरीर को सुंदर दिखाकर सुंदर या अच्छी पत्नि बना जा सके। अच्छी पत्नि हमेशा अप