सच्चा प्रेम कैसा होता है प्रेम को अगर देखा जाए तो वास्तविकता में उसे कोई परिभाषित नहीं कर सकते है, प्रेम एक ऐसा एहसास और अटूट बंधन है अगर सच्चा और दिल से किया गया प्रेम हो तो वो कभी खत्म नहीं होता है। बहुत सारे लोग कहते है या सोचते है कि प्रेम था पर अब उससे नफरत होने लगी है, अब में उसकी शकल भी नहीं देखना चाहते है, असल में वो प्रेम था ही नहीं, जिसके बारे में सोचकर या उसे देखकर नफरत होने लगे या उसकी गलती के कारण भी नफरत होती है तो असल जिन्दगी में वो प्रेम था ही नहीं, जहां प्रेम होता है वहां ऐसे विचार ये शब्द ही नहीं होते है। इसलिए सच्चा प्रेम जीवन पर्यंत रहता है , जो अलग होने पर भी नफरत नहीं बस प्रेम दिखता है। प्रेम एक अटूट बंधन होता है। प्रेम कभी भी कुछ घंटे या कुछ दिन या फिर कुछ सालों का रिश्ता या एहसास नहीं होता है,ये हमेशा के लिए शारीरिक इच्छा की पूर्ति के लिए नहीं वरन जिसको महसूस किए जाने वाले रिश्ते में बंधा हुआ एक प्यारा सा एहसास है। ये टूटने या कम होने जैसा बंधन या रिश्ता या एहसास नहीं है। मेरे हिसाब से प्रेम को परिभाषित ही नहीं किया जा सकता है, क्...
मर्द का महिला के प्रति सोचने का नजरिया कैसा हो मर्द इतना मजबूत और आपके सपनों को पूरा करने के लिए अपने सपनो का गला घोट देता है, जैसा की आम तौर पर महिलाओं की धारणा रहती है कि मर्द या पति से जब भी बात होती हैं हमेशा यही सुनने में आता है, आपने मेरे लिए क्या किया है, आपको मेरे लिए कुछ नहीं मिलता है, आप तो रोज घूमते रहते हो, रोज कही ना कही जाते रहते हो, मेरे लिए समय नहीं है, मेरे लिए चीजे लाने के लिए पैसे नही मिलते है, ना जाने क्या क्या प्रतिदिन होने वाली चर्चा घर में अशांति तो पैदा होती है ही परंतु अपने कभी सोचा एक पुरुष कितना कुछ अपने मन में, अपने सपनो को आपके सपनों को पूरा करने के लिए मन में दबा देता है। मर्द को समझने का प्रयास करिए, उसके मन में क्या चल रहा है, या वो ऐसा क्यों कर रहा है, वो किस कारण से आपको जवाब नहीं दे पा रहा है समझने का प्रयास करिए। मर्द बहुत खुबसूरत वो चीज है जो आपके समझने पर आपके रिश्ते में जो समझोता चल रहा होता है वो असल रिश्ते में उस अनुभव के साथ चलने लगाता है मर्द को दर्द होता है वो जाहिर नहीं करता है रिश्...