जीवन में खुश रहने का मूल मंत्र जीवन में खुश रहने का एक ही मंत्र है,जो है उसमे खुश रहना सीखिए। जीवन में जो दिल को अच्छा लगे वो हमे करना चाहिए । जब किसी को आपकी आवश्यकता होती है और उसकी मदद आप अगर करते है और उससे उसका काम हो जाता है जिससे वो दिल से आपका शुक्रिया करता है उस खुशी का अनुभव आप करते हो वो खुशी जीवन में सबसे अलग होती है। इससे लिए खुश रहने के जीवन में बहुत से मंत्र होते है। खुशी जीवन का हिस्सा होती है इसलिए खुश रहना बहुत जरूरी है। जीवन में असली खुशी कैसे मिलती है। खुशी आज के समय में व्यक्ती में आम तौर पर दिखावटी होती जा रही है। दिल से खुशी या अन्दर से जो खुशी का अनुभव होता है वो बहुत कम होता जा रहा है, आदमी मानसिक रुप से तनाव पूर्ण जीवन जी रहे है, जिसके उसके मन मस्तिष्क में खुशी कही से कही दिखाई नहीं देती है, उस खुशी के विलुप्त होने के बहुत से कारण होते है, जैसे आम तौर पर व्यक्ती स्वयं के दुख की बजाय दुसरे के दुःख से दुःखी होता है, दूसरा व्यक्ती दुसरे के घर कुछ भी होता है वो देख देख दुखी होता है, उसका घर कितना अच्छा है, उसके कितनी सुंदर बीवी है, उसके कितना काम धाम है, उस
हार से निराश नहीं होना है, जिंदगी की सिख है हार जिंदगी में हर जित चलती रहती है ,हमरे जीवन को हमे बेहतर बनाना है या हमे जीवन में आगे बढ़ने है तो निराश मत होइए,आपकी हार वो थी,जिससे भविष्य में होने वाली सफलताओ के बिच में कोई समस्या नहीं आये,वो कमिया हमे हर से सिखने को मिलती है| हार हमे कमजोर नहीं हमारी कमी समझती है तू यहाँ गलत था अब ऐसा कर जो गलती पहले करि है वो फिर दोहराना नहीं दोबारा वही देखना पढ़ेगा जो चुके हो| इसलिए हार हमेशा सिखाती है उसे निराशा के साथ न लेकर हम ये सीखे की हमे कुछ नया सिखने को मिला है जिससे हम कुछ नया सिख सकते है| हार क्या होती है ? जब हम किसी कार्य को पूरी ईमानदारी से नहीं करते है,और उसमे सफलता नहीं मिलती है तो हम उसे हार समझ लेते है| हमारे सोचने का तरीका कुछ अलग है हम हार को अपनी कमी समझ उस कमी को कैसे करके फिर से प्रयास करके उसे कैसे सफल बनाया जा सकता है| हमारी गलती को हम सिख बना कर कार्य करते है,उससे बेहतर परिणाम आने में जुट जाते है| जब निराशा होती है हम उसे हर अपनी हार समझ लेते है,हताशा जीवन के विकास क