सच्चा प्रेम कैसा होता है प्रेम को अगर देखा जाए तो वास्तविकता में उसे कोई परिभाषित नहीं कर सकते है, प्रेम एक ऐसा एहसास और अटूट बंधन है अगर सच्चा और दिल से किया गया प्रेम हो तो वो कभी खत्म नहीं होता है। बहुत सारे लोग कहते है या सोचते है कि प्रेम था पर अब उससे नफरत होने लगी है, अब में उसकी शकल भी नहीं देखना चाहते है, असल में वो प्रेम था ही नहीं, जिसके बारे में सोचकर या उसे देखकर नफरत होने लगे या उसकी गलती के कारण भी नफरत होती है तो असल जिन्दगी में वो प्रेम था ही नहीं, जहां प्रेम होता है वहां ऐसे विचार ये शब्द ही नहीं होते है। इसलिए सच्चा प्रेम जीवन पर्यंत रहता है , जो अलग होने पर भी नफरत नहीं बस प्रेम दिखता है। प्रेम एक अटूट बंधन होता है। प्रेम कभी भी कुछ घंटे या कुछ दिन या फिर कुछ सालों का रिश्ता या एहसास नहीं होता है,ये हमेशा के लिए शारीरिक इच्छा की पूर्ति के लिए नहीं वरन जिसको महसूस किए जाने वाले रिश्ते में बंधा हुआ एक प्यारा सा एहसास है। ये टूटने या कम होने जैसा बंधन या रिश्ता या एहसास नहीं है। मेरे हिसाब से प्रेम को परिभाषित ही नहीं किया जा सकता है, क्...
हार से निराश नहीं होना है, जिंदगी की सिख है हार जिंदगी में हर जित चलती रहती है ,हमरे जीवन को हमे बेहतर बनाना है या हमे जीवन में आगे बढ़ने है तो निराश मत होइए,आपकी हार वो थी,जिससे भविष्य में होने वाली सफलताओ के बिच में कोई समस्या नहीं आये,वो कमिया हमे हर से सिखने को मिलती है| हार हमे कमजोर नहीं हमारी कमी समझती है तू यहाँ गलत था अब ऐसा कर जो गलती पहले करि है वो फिर दोहराना नहीं दोबारा वही देखना पढ़ेगा जो चुके हो| इसलिए हार हमेशा सिखाती है उसे निराशा के साथ न लेकर हम ये सीखे की हमे कुछ नया सिखने को मिला है जिससे हम कुछ नया सिख सकते है| हार क्या होती है ? जब हम किसी कार्य को पूरी ईमानदारी से नहीं करते है,और उसमे सफलता नहीं मिलती है तो हम उसे हार समझ लेते है| हमारे सोचने का तरीका कुछ अलग है हम हार को अपनी कमी समझ उस कमी को कैसे करके फिर से प्रयास करके उसे कैसे सफल बनाया जा सकता है| हमारी गलती को हम सिख ब...