खुद को नियंत्रित कैसे रख सकते है | जीवन में हम हमेशा किसी कार्य को लेकर या कुछ ऐसा हमारे साथ गठित हो जाता है जिससे हम स्वयं को नियंत्रित नही कर पाते है | हम ऐसे परिस्थिति में कुछ गलत कदम उठा लेते है ऐसे में हमे क्या करना चाहिए | उसके लिए हम कुछ टिप्स आपसे शेयर करेंगे | हमे हमारी मनः स्थति को सय्यमित रखने के लिए हमे सबसे पहले धैर्य रखना चाहिए | धैर्य आपकी उस स्थति के परिणाम को कुछ अच्छी जगह पर ही लेकर ही जायेगा | इसलिए जब भी कुछ ऐसी विपरीत परिस्थितियां बनती है उसमे हमे घबराना नहीं चाहिए | हड़बड़ाहट में हम हमेशा कुछ न कुछ गलती कर बैठते है | इसलिए कुछ भी ऐसा होने पर या तो क्रोध को स्वयं पर हावी न होने दे या दुःख की परिस्थिति बनती है तो स्वयं को ऐसा फील होने से रोके की में अंदर से टूट चूका हु या अब में कुछ नहीं कर सकता हूँ | हमारे मन में उस कमी को जिसे हम पाना चाहते है या किसी चीज जिसे हमे पाने क लिए प्रयास किया था उसके खोने या कम होने पर मन में ये विचार लाना चाहिए की जो गया हे शायद वो हमारे लिए ठीक नहीं था मुझे जिंदगी उससे भी कुछ अच्छा देने जा रही है इसी लि
कोशिश करने से क्या होगा ? हमेशा ही देखने को मिलता है कि हर व्यक्ति कुछ न कुछ सोचता जरूर है की में यह काम करूंगा या में ऐसा करने की सोच रहा हु ,परन्तु जब वह वह सोचता ही रह जाता है तो वह कार्य को क्र नहीं सकता है ,जब वह कार्य को शुरू करने के लिए कोशिश करने लग जायेगा तब वह आसानी सफल हो जायेगा,जब व्यक्ति के मन में सोचने से ज्यादा कार्य करने में ध्यान लगाएगा तो वह आसानी से प्रगति क्र सकता है| कोशिश करने वालों की हार क्यों नहीं होती है ? जिस प्रकार कुए के पनघट पर पानी भरने के लिए रस्सी का उपयोग होता है ,उस रस्सी के द्वारा जब बाल्टी से पानी खींचते है और जिस जगह वह रस्सी तिकी रहती है वह रस्स्सी बार बार आती जाती रहती है तो उससे वह शिला पर निशान छोड़ देती है | या शिला को काट देती है ठीक उसी प्रकार बार बार कोशिश करने पर हमे सफलता जरूर मिलती है | इस लिए कहा जाता है की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है|