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Showing posts from September, 2022

जीवन में खुश कैसे रह सकते है। jiwan Me khush kaise rh sakte hai

 जीवन में खुश रहने का मूल मंत्र जीवन में खुश रहने का एक ही मंत्र है,जो है उसमे खुश रहना सीखिए। जीवन में जो दिल को अच्छा लगे वो हमे करना चाहिए । जब किसी को आपकी आवश्यकता होती है और उसकी मदद आप अगर करते है और उससे उसका काम हो जाता है जिससे वो दिल से आपका शुक्रिया करता है उस खुशी का अनुभव आप करते हो वो खुशी जीवन में सबसे अलग होती है। इससे लिए खुश रहने के जीवन में बहुत से मंत्र होते है। खुशी जीवन का हिस्सा होती है इसलिए खुश रहना बहुत जरूरी है।   जीवन में असली खुशी कैसे मिलती है। खुशी आज के समय में व्यक्ती में आम तौर पर दिखावटी होती जा रही है। दिल से खुशी या अन्दर से जो खुशी का अनुभव होता है वो बहुत कम होता जा रहा है, आदमी मानसिक रुप से तनाव पूर्ण जीवन जी रहे है, जिसके उसके मन मस्तिष्क में खुशी कही से कही दिखाई नहीं देती है, उस खुशी के विलुप्त होने के बहुत से कारण होते है, जैसे आम तौर पर व्यक्ती स्वयं के दुख की बजाय दुसरे के दुःख से दुःखी होता है, दूसरा व्यक्ती दुसरे के घर कुछ भी होता है वो देख देख दुखी होता है, उसका घर कितना अच्छा है, उसके कितनी सुंदर बीवी है, उसके कितना काम धाम है, उस

बेटी तू सब कुछ कर सकती है ।

बेटी तू सब कुछ कर सकती है ।  ना रुके तू, ना झूके तू , बढ़ती जा जैसे, जैसे चलता पथिक है, तोड़ उन बंदिशों को, जमाना जिनके खिलाफ है। जय जय कार करवाना चाह ना रखना, करना ऐसा काम है तूझे,जिससे  देश का नाम हो। डरकर अपनी राह ना बदल तू,,  जैसे खड़ी रह पर्वत सी अडिग तू । इतिहास पढ़ना नहीं, इतिहास बनाना है,  जीवन के हर पथ पर स्वाभिमान सजाना है। ना रुके तू, ना झूके तू,, इतिहास तूझे बनाना है ।।

नफरत करने से क्या नुकसान होते हैं? Nafart Krne Se Nuksan

 नफरत से नुकसान होता है? जीवन हमें बहुत खुबसुरत तो मिला ही है, साथ ही इसे अच्छे से जीने के तनाव मुक्त रहकर जीने से इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते है, उस तनाव मुक्त जीवन को जीने से रोकने के ये नफरत बड़ा व्यवधान पैदा करती है। जिससे हमें जीवन में मानसिक रुप से स्वतंत्र रुप से जीने के लिए रुकावट पैदा होती है। जैसे की अकसर देखने को मिलता है या सहज रुप से हर कोई ऐसा अनुभव करता है कि अगर कोई व्यक्ति हमसे बेहतर है या हमसे अच्छा कर रहा है, तो समान्यत: लोगो के मन में ये बात आती ही है,यह ऐसा कैसे कर रहा है, इसका इस प्रकार से अच्छा क्यों हो रहा है?यह सोचकर ही व्यक्ति दु:खी होता है या उसका अहित करने का प्रयास करता है। अहित करने का प्रयास करना यानी सामने वाले से व्यक्ति नफरत कर रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप वह दूसरा कुछ न३ सोच कर बार बार उसी सोच को दोहराने से उसके मन मस्तिष्क पर दबाव बढ़ता जायेगा,और वह दूसरे के सुख के कारण से स्वयं कुछ नया नहीं सोच पायेगा, ना ही कुछ नया कर पायेगा। इसलिए नफरत ना करते हुए हमें प्रेम करना सिखना चाहिए। प्रेम जहां है वहां खुशियों का सागर है। दुनिया को जितने के लिए नफरत

प्रेम की ताकत कितनी मजबूत है। Prem ki Takat Kitni Majbut H

प्रेम में वो ताकत जिसका ऐहसास ऐसे होता है।   हमेंशा व्यक्ति यह सोचता है उसकी भूजाओं में बहुत ताकत है, वह किसी से भी लड़ सकता है।असल में सच यह होता है कि किसी को झूकाने के लिए ताकत नहीं प्रेम की जरुरत होती है। प्रेम वो चिज है जिससे बड़े से बड़े  सुरमा को झूकने के लिए मजबूर कर देती हैं। मुहब्बत से पूकारोगे, तो दिल से दोड़े चले आयेंगे।वरना हम वो चिज है ग़ालिब, पूरा जमाना भी सामने खड़ा होगा भीड़ जायेंगे। प्रेम से दुनिया कैसे जीती जा सकती है। प्रेम में दुनिया को जितना बहुत कठिन होता है।यह कला आपके अन्दर है तो दुनिया आपको बहुत खुबसुरत लगेगी व दुनिया को आप भी खूबसूरत लगोगे। प्रेम से दुनिया को जितने के लिए प्रेम की जरुरत होती है। प्रेम जितना बाटोगे, प्रेम उतना ही बढ़ेगा।  प्रेम का तात्पर्य लड़का व लड़की का प्रेम ही नहीं होता है, बल्कि हर उस रिश्ते में प्रेम होता है, जिसमें अपने पन का एहसास होता है।  

बेटी ही पिता की जिंदगी होती है || Beti Hi Pita Ki Zindgi Hoti Hai

 बेटी ही पिता की जिंदगी है| बेटी ही पिता की जिंदगी कैसे होती है? जब तक माता और पिता जिन्दा होते है बेटी अपने हक़ और अधिकार जो व्यवहारिक रूप में उसका उपयोग करते हुए बेखौफ कुछ भी ले सकती है या मांग सकती है| परन्तु जब वही उसके माता और पिता का अगर न होना होता है | तो उसके घर में लाख चाहे उसका भाई अच्छा रहता है परन्तु पिता उसकी हिम्मत और हौसला होता है|   पिता कभी ये एहसास नहीं कराता है के उससे ज्यादा प्रेम करता हु परन्तु सच यही रहता है दुनिया की सबसे ज्यादा अगर चिंता होती है पिता को तो वो उसकी बेटी की होती है | बेटी भी कभी ये एहसास नहीं करवाती है  मेरे लिए सबकुछ है परन्तु पिता ही उसका हौसला रहता है पिता ही उसकी हिम्म्मत होती है |  पिता ही उसकी पूरी दुनिया होती है| जब पिता चले जाते है इस दुनिया से और जब वह यहाँ आती है और उसकी ख़ुशी में उसके पिता नहीं होने से उसे हमेशा वो कमी महसूस होती है और जब उसे उनकी  याद आती है,तो उसकी आंखे पानी से भर आती है ,उनकी कमी का एहसास उसकी आँखों में तब स्पष्ट दिखता है | उसे तभी महसूस किया जा सकता है की बेटी क लिए उसके पिता पूरी दुनिया थे | ठीक वैसे ही जब पित