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Showing posts from March, 2023

दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए| Do Dilon Ka rishta

 दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है।  दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।

आसानी से लोन कैसे ले सकते है | Asani Se Loan Kaise Le Sakte H

 आसानी से लोन कैसे ले सकते  जब हमे पैसे की जरुरत होती है तो हम आसानी से लोन कैसे ले सकते है इस बात पर चिंतन करने लगते है परन्तु हम आपको आसान प्रक्रिया बताते है जिसके माद्यम से आसानी से लोन ले सकते है | जब हमे ज्यादा जरुरत होती है या फिर हमें व्यवसाय करने के लिए पैसे की जरुरत होती है तो  हम इस प्रक्रिया से लोन ले सकते है|                                            लोन के लिए हम प्रॉपर्टी और व्यवसाय पर भी पैसा जब हमे ज्यादा जरुरत होती है या फिर हमें व्यवसाय करने के लिए पैसे की जरुरत होती है तो  हम इस प्रक्रिया से लोन ले सकते है ,लोन के लिए हम प्रॉपर्टी और व्यवसाय पर भी पैसा आसानी से मिल जाता है, हम लोन के लिए इन चीजों पर आसानी से निकटम शाखा में जाकर संपर्क करके लोन लेकर अपने पैसे या व्यवसाय का काम हो सकता है |  लोन लेने से क्या फायदे होते है ? लोन लेने से एक तो ये फायदा किसी को जल्दी पैसा नहीं देना पड़ता है  पैसा किस्तों में दे सकते है  कम ब्याज पर पैसा मिल जाता है  धीरे धीरे किस्तों में पैसा जाता है तो हमे ज्यादा दिक्कत नहीं होती है पैसे जमा करवाने में |  लोन लेने से क्या फायदे होते है

किसी को मुंहतोड़ जवाब कैसे दें | Kisi Ko Kaise Muh Tod Jawab De

 किसी को मुंहतोड़ जवाब कैसे दें जीवन में हम कुछ काम करते है या कहीं आते जाते है तो हमें कोई कुछ ऐसा शब्द बोलता है जो हमारे मन को ठेस पहुंचा देता है का उसके द्वारा अपने पैसों घर आदि को दिखाकर हमे ताने मारता है और डायरेक्ट ना बोल कर ये एहसास दिलवा देता है की तुम्हारे पास कुछ नहीं है।              जब ऐसी स्थिति बनती है तो हमे उसे प्रति उत्तर उसी क्षण नहीं देना चाहिए, क्योंकि बातों से उलझेंगे तो उस समय हम ही गलत लगेंगे, इसलिए उसका जवाब देने के लिए हमे उसके कार्य (सामने वाले) के कार्य से बेहतर करेंगे, तो उसका जवाब उसे स्वयं मिल जायेगा। इसलिए हमे मन में द्वेष पालकर नही कुछ करके ही उसे प्रतिउत्तर देना चाहिए।