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Showing posts from May, 2022

बिजनेस प्लान कैसे बनाए| Bussiness Plan kaise banaye

 बिजनेस प्लान कैसे बनाए Businesses प्लान बनाने से पहले कुछ बातों का हमे विशेष खयाल रखना चाहिए- सर्वप्रथम तो ये देखना है हम पहले से अगर कुछ छोटा मोटा काम कर रहे है या जैसा भी व्यवसाय कर रहे है, उस बिजनेस ( Bussiness) को बेहतर कैसे बना कते है यानी जो हम कर रहे है उसमे अच्छी सफ़लता क्यों नही मिल रही है हम गलती कहा कर रहे है ये देखना बहुत जरूरी है। एक सबसे बडी बात ये भी आपके व्यवसाय में जब भी आप शुरू करते है उसके आय व्यय का हिसाब आपके पास होना चाहिए,यानी की ये देखना जरुरी है कि आप ने कितने फायदा कमाया या कितना नुकसान गया, कितना उसपर खर्च आया और कितना लास्ट में बचा है,ये देखना बहुत जरुरी है। जिस काम को कर रहे हो या शुरू करना चाहते हो उसमे ये देखना आवश्यक है की उसे हम दुसरे से बेहतर या दूसरों से अलग कैसे कर सकते है या ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत कैसे कर सकते है जिससे वो दूसरों से अलग दिखे। व्यवसाय शुरू करने की लिए निजी भवन या बिल्डिंग की जरूरत नही होती है, आप इसके किराए में ही वहा बेहतर कर सकते हो इसलिए ये विचार ना लाए की मेरे पास अच्छी बिल्डिंग नहीं है। बिजनेस ( Bussiness) हमेशा 1000 दिन म

आज निराश हूं मैं क्या करें? Aaj Nirash hu me kya kru ?

 निराशा व्यक्ति की दुश्मन निराशा व्यक्ति के जीवन की प्रगति को पिछे छोड़ देती है। निराशा व्यक्ति को हताश अकेलापन या स्वयं को कमजोर कर देती है। जिसके कारण वह आपके जीवन को कमजोर कर देती है ।आपकी मनस्तथि भी कमजोर हो जाती है ।आपके अन्दर कुछ नया करने का जज्बा समाप्त सा हो जाता है। ये आपके जज्बे को सलाम करने की बजाय लोगो के प्रति आप और अधिक कमजोर होने लगते हैं । शरीर ऐसा कमजोर कमजोर अनुभव करता है। इसलिए निराशा को जीवन से कोसो दूर रखना चाहिए। हमारे अन्दर की सकारात्मक ऊर्जा को जिंदा रखना चाहिए ताकि हम किसी भी कार्य को इतनी आसानी से नहीं रोक सकते हैं।इसीलिए कहा है निराशा व्यक्ति की दुश्मन होती हैं। निराशा को हम उत्साह में कैसे बदल सकते है?  निराशा को उत्साह में बदने के लिए हमें सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों की संगति में रहना चाहिए। सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को महान बनाती है। हम किसी कार्य को करना प्रारंभ करते है, कुछ समय करने के पश्चात वह कार्य आशाजनक नहीं रहता है। जिसके परिणाम स्वरुप वह व्यक्ति निराश होकर उस कार्य को या बन्द कर देता है या कार्य करना छोड़ देते हैं।हमेंशा हमें सकारात्मक होने के

जीवन में पहली गलती || Jiwan me pahli galti

 जीवन में गलती कैसे हुई । जिस लड़की का जिक्र मैंने किया था आप सबसे पिछले पोस्ट में मैंने उसके बारे में कुछ जानना और चाहता था ,उसका स्वभाव कैसा है वो किस प्रकार से रिएक्ट करती है सारी बाते जानना थी क्योंकि उसके बारे में बहुत सारे लोगों की धारणा गलत थी ।जो लड़की बहुत ही बुद्धिमान लगी उसके मन के विचार कैसे होंगे, ये जानने की इच्छा जाग्रत हो रही थी ।             मैंने उस लड़की से कॉल पर हर बात के लिए टोकना या पूछना प्रांरभ किया तो वो तीसरे या चौथे दिन गुस्सा करने लगती है और कहने लग जाती है। आप ये सब पूछने वाले होते कौन हो किसका कॉल आ रहा है किससे बात कर रहे हो, उसका कहना बिल्कुल वाजिब था पर मैं इतनी बुद्धिशाली लड़की के बारे में जानने का इच्छुक था तो  मुझे उसका बुरा नहीं लगा, उसने यहां तक बोला आपको साथ रहकर काम करना है तो करिये?  वरना आपके भरोसे मैंने ऑफिस नहीं डाला है। मैंने कॉल काट दिया तो पुन:उसने लगाया और कहा के आज के बाद आपके साथ काम नहीं करना है?  क्योंकि मैंने उन्हें कभी कोई गलत बात या शब्द नहीं कहा बस उन्हें जानने के लिए उन्हें ऐसी कुछ लाईन बोलता जिससे उनके स्वभाव का पता चले। मै

शिक्षा के अभाव की कहानी | Shiksha k Abhav ki kahani

शिक्षा के अभाव से टूटते परिवार की कहानी  एक बार में एक ऑफिस में जाता हूँ, मैंने भी जिस कार्य को करना प्रारंभ किया है, वो ऑफिस उसी कार्य से जूड़ी हुआ था। जब मैंने उस ऑफिस के ऑनर से मेरे जैसे ही एक बिजनेस के ऑफिस का जो ऑनर था वो एक लड़की थी । जिसे मैंने कभी ना बात करी ना कभी पहले उससे मिला, वह लड़की जब मैं वहां गया तो उसने ससम्मान मुझे बैठाया । उनसे व्यवसाय के बारे में चर्चा करना प्रारंभ किया तो धीरे धीरे हमें ऐसा आभास हुआ के ये लड़की ये लड़की बहुत ही समझदार है। साथ बुद्धिवान भी है ।हम जैसे जैसे एकदूसरे से बाते करने लगे दोनो के मन और विचारों से प्रभावित होकर वह हम धीरे धीरे परिवार जैसा सोचकर एक दूसरे के मन के विचार बैठे बैठे साझा करने लगे ।  लड़की की मन:स्थति का विवरण  जब हम बात करने लगे तब उसने मैरे बारे में मेरे परिवार के बारे में पूछा तो मैने जब सबकुछ बताने के उपरान्त उस लड़की जो उस ऑफिस को संचालित कर रही है उसने अपने जीवन की कहानी बताई तो उसके मन व दिल में कुछ अजीब सी हलचल दिख रही थी उसके मन में जो व्यथा थी स्पष्ट उसकी आंखो में दिख रही थी ,वर्तमान में अधिकांश व्यक्तियों को किसी अ

विवाद करने से बचना चाहिए | Vivad krne se bachna chahiye

 विवाद करने से क्यों बचना चाहिए । विवाद के कारण व्यक्ति के जीवन में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है । विवाद करने से हमारा समय तो बर्बाद होता ही है साथ में हम दिन भर हमारे कार्य से प्रभावित हो जाते हैं यानी हमारा कार्य अच्छा नहीं होता है और दिन भर मानसिक तनाव रहता है जिसके परिणाम स्वरूप हम हमारे कार्य को अच्छे से नहीं कर पाते हैं साथ ही समाज के बीच हमारे प्रति सोचने की जो धारणा है इसमें बदलाव हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप लोग हमसे बात कर ने से कतरा ने लगते हैं जिसके कारण हम अकेले पढ़ जाते हैं।  विवाद करने से नुकसान क्या है? विवाद व्यक्ति को हमेशा उलझन में ही डालता है। विवाद के कारण हम अपना धन, मान सम्मान, प्रतिष्ठा बार बार हर  छोटी बात पर विवाद करने से समाप्त हो जाती है। इसलिए हमें विवाद करने से बचना चाहिए। विवाद नहीं करने से आप के पास ये सब चिजें हमेंशा बनी रहेगी। 

Alon musk की कहानी

 Alon musk से सिख  एलन मस्क ऐक ऐसा व्यक्ति था जिसने एक कंपनी से उसे निकाल दिया था तो उसने दो कंपनिया खड़ी कर दी । वह रिस्क लेने से नहीं डरता था उसे कार्य करने में विश्वास था । जीवन में सफलता का यही मंत्र है ।हमें रिस्क लेना होगी ।

किस्मत बदलने के उपाय | luck change kaise kre ?

 जब किस्मत साथ ना दें तो क्या करें?  जब हम किसी कार्य को करते हैं तो उसमें असफल हो जाते हैं। अक्सर हम यही कहते हैं कि हमारी किस्मत खराब है या हमारा किस्मत ने साथ नहीं दिया है।अधिकांश व्यक्ति की सोच इसी प्रकार की होती है जो अपनी असफलता का दोष किस्मत पर मढ़ देते हैं।अब बात आती है के किस्मत साथ ना दें तो क्या करना चाहिए ।एक बात आप सब यह समझ लेंवे कि किस्मत इसी लिए साथ नहीं दिया है कि आपकी मेहनत पुरी नहीं लगी ।आपने मन लगाकर कार्य नहीं किया है।आपने कार्य के प्रति लापरवाही करी है ।इसलिए जीवन में किसी को दोष देने की बजाय से याद रखिये कि हमारे कार्य में कहा कमी रही है और  हम उस कार्य को बेहतर कैसे बना सकते हैं । जिस कार्य में हमें असफलता मिली है उस कार्य को में कमियों को दूर करते हुए पुनः कैसे प्रारंभ कर सकता हूँ ।ये सोचने व करने की जरुरत होती है ना किस्मत जैसे शब्द या सोच के बारे में सोचने की आवश्यकता नहीं होती हैं ।    किस्मत बदने के उपाय  हमेंशा जिस कार्य को प्रारंभ किया है उसी कार्य के प्रति जीजान लगाकर कार्य करिये । हमेंशा अपनी गलती को स्वीकार करिये । जिस कार्य को आप कर सकते हैं, मन म

जीवन में अनुशासन की आवश्यकता | jiwan me anushasan ki avashykta kyu hoti hai

 जीवन में अनुशासन की आवश्यकता क्यों होती है?  जीवन में कुछ करने के लिए हमें अनुशासन की आवश्यकता होती है, अनुशासन हमारे स्वयं के लिए बहुत जरूरी है जिसके माध्यम से हम हमारे जीवन में नित नए बदलाव ला सकते हैं अनुशासन के माध्यम से ही हम बहुत कुछ कर सकते हैं। अनुशासन के माध्यम से हम हमारे शरीर को बदल सकते हैं जिसके माध्यम से हम हमारे शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं जैसे प्रतिदिन समय पर उठना समय पर खाना यह अनुशासन के ही होंगे और समय पर हम किसी कार्य को करेंगे तो उस कार्य के परिणाम अच्छे आएंगे, हमें कहीं समय पर पहुंचना इस समय पर जो काम होते हैं उनके परिणाम आपको बहुत आगे तक ले जाते हैं । जीवन में अनुशासन बनाए रखने के लिए हमें हमारे जीवन में बहुत कुछ समझौते करना होते हैं, समझौते ही हमारे जीवन के अनुशासन को बढ़ाएंगे और हम अनुशासित जीवन जिएंगे इसके परिणाम बहुत अच्छे होते हैं। जीवन में अनुशासन क्यों जरुरी है? jiwan me Anushasan kyu jaruri hai  जीवन में  अनुशासन  आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है ,आपका व्यक्तित्व कैसा है आप किस प्रकार का जीवन जीते है आप किस प्रकार के आदमी है ये सब आपके अनुशासन से दिख जाता

प्रिय मित्र संग यात्रा का सफर हिंगलाज रिसोर्ट

 यात्रा सफर की शुरुआत कुकड़ेश्वर से शुरु   हम सभी दोस्त हमारी यात्रा प्रारंभ करने के लिए हमारा जो ग्रह क्षेत्र के पास जो नगर पड़ता है कुकड़ेश्वर यहां इकट्ठे होते हैं,हमारी यात्रा प्रारंभ करने के लिए हम उस गाड़ी का हम इंतजार कर रहे हैं। प्रातः 10:00 बजे से लेकर 3:00 बजे तक हम गाड़ी का इंतजार करते रहते हैं। दोस्त दोस्त होते हैं कभी सही से बताते नहीं और यह दोस्तों के बीच चलता रहता है 10:00 बजे से उनका यह कहना कि हम बस 10 मिनट में आपके पास पहुंच रहे हैं , वह 10 मिनट उनके 3:00 बजे तक पूरे होते हैं और 3:00 बजे के लगभग वह हमारे पास गाड़ी लेकर पहुंचते हैं हम सब दोस्त हमारे क्षेत्र कुकड़ेश्वर से बैठकर हमारी यात्रा प्रारंभ होती है।  यात्रा के सफर का अगला पढ़ाव  हमारे एक और मित्र जो रास्ते में इंतजार कर रहे थे उन्हें हमने रास्ते में जो यहां से 7 किलोमीटर दूर पड़ता है कुंडालिया गांव से हमारी जो गाड़ी है उस गाड़ी में बिठाते हैं। और हम  सब अगले यात्रा की ओर बढ़ते रहते हैं। हंसते मस्ती के साथ हम चारपहिया वाहन में जो हमारा शहर आता है रामपुरा वहां गाड़ी को रोक लेते हैं। वहां से जो हमारे दोस्तों ने