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दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए| Do Dilon Ka rishta

 दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है।  दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।

एक आदर्श व्यक्ति कैसे बनें? | How to become an ideal person?

एक आदर्श व्यक्ति कैसे बनें?|How to become an ideal person?

अपना व्यक्तित्व ही व्यक्ति की पहचान होती है। व्यक्ति जितना अधिक अपने आचरणों में परिवर्तन लायेगा,वैसा ही उसका आचरण होता जायेगा,जिस प्रकार से उसका आचरण रहेगा,उसका कद भी वैसा ही बढ़ता व घटता रहेगा।एक आदर्श व्यक्ति में कई प्रकार के गुण विद्यमान रहते हैं।एक आदर्श व्यक्ति बनने के लिए हमें अपने आप को तैयार कर बहुत सी खुशियों को त्याग कर अनुशासन के साथ जीवन जीना होता है ।अनुशासनात्मक व इमानदार व्यक्तित्व ही आपको एक आदर्श व्यक्ति बना सकते हैं।

 आदर्श व्यक्ति में क्या क्या गुण होने चाहिए?

आदर्श व्यक्ति में बहुत सारे गुणों का समावेश होता है।कुछ की जानकारी इस प्रकार है।
1.एक आदर्श व्यक्ति हमेंशा सत्य बोलते हैं,मिथ्या शब्द से कोसो दूर रहते हैं।
2.हमेशा ईमादार रहकर ईमानदारी से कार्य करते हैं।
3.एक आदर्श व्यक्ति समय के पाबंद रहते हैं,जिस समय पहूंचना है उसी समय पर पहूंचते हैं।
4.वचन के पक्के होते है।अपनी बात पर अटल रहते है।
5. हमेंशा दूसरों का सुख देखना पसंद करते हैं,स्वयं के कारण किसी को दु:खी नहीं करते हैं।
6.सभी को साथ लेकर चलते हैं,ऊंच नित का भाव नहीं रखते हैं।
7.अपने स्वभाव के कारण सबके प्रिय होते हैं,या ऐसा कह सकते हैं सभी उन्हें अच्छा मानते हैं।
8.दूसरों के सुख दु:ख में साथ रहते हैं।
9.हमेंशा राष्ट्र हित की बात करते हैं।
10. लोभ लालच व स्वार्थ से कोसो दुर रहते हैं।

आदर्श व्यक्ति की क्या पहचान है?

आदर्श व्यक्ति के सभी गुणों को जानने के लिए कुछ समय से उनसे सम्पर्क रखने के बाद ही पता लगाया जा सकता है कि वह किस प्रकार के व्यक्ति है।अन्यथा बीना साथ रहे पता लगाना मुश्किल रहता है।जो गुण आदर्श व्यक्ति पहचान बताते हैं वे सभी गुण उनके अन्दर विद्यमान रहते हैं।वे जब भी कुछ कार्य करते हैं उनके सभी कार्य में पारदर्शीता या सभी को अच्छे लगने वाले होते हैं। किसी के कारण वह अपने कार्य बदलाव के भाव रखकर सबको साथ लेकर चलते हैं।

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