सच्चा प्रेम कैसा होता है प्रेम को अगर देखा जाए तो वास्तविकता में उसे कोई परिभाषित नहीं कर सकते है, प्रेम एक ऐसा एहसास और अटूट बंधन है अगर सच्चा और दिल से किया गया प्रेम हो तो वो कभी खत्म नहीं होता है। बहुत सारे लोग कहते है या सोचते है कि प्रेम था पर अब उससे नफरत होने लगी है, अब में उसकी शकल भी नहीं देखना चाहते है, असल में वो प्रेम था ही नहीं, जिसके बारे में सोचकर या उसे देखकर नफरत होने लगे या उसकी गलती के कारण भी नफरत होती है तो असल जिन्दगी में वो प्रेम था ही नहीं, जहां प्रेम होता है वहां ऐसे विचार ये शब्द ही नहीं होते है। इसलिए सच्चा प्रेम जीवन पर्यंत रहता है , जो अलग होने पर भी नफरत नहीं बस प्रेम दिखता है। प्रेम एक अटूट बंधन होता है। प्रेम कभी भी कुछ घंटे या कुछ दिन या फिर कुछ सालों का रिश्ता या एहसास नहीं होता है,ये हमेशा के लिए शारीरिक इच्छा की पूर्ति के लिए नहीं वरन जिसको महसूस किए जाने वाले रिश्ते में बंधा हुआ एक प्यारा सा एहसास है। ये टूटने या कम होने जैसा बंधन या रिश्ता या एहसास नहीं है। मेरे हिसाब से प्रेम को परिभाषित ही नहीं किया जा सकता है, क्...
सेमिनार क्या होता है ?
एक ऐसे अनुभवी व्यक्ति या व्यक्तियों के समुह द्वारा ऐसा आयोजन जिसमें किसी एक विषय को लेकर बुलाये गये व्यक्ति को उस विषय की समझ करवाने का कार्य जिस जगह होता है उसे सेमिनार कहा जाता है। जैसे आप एक विद्यार्थी हो और आपको आपके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए एक आयोजन किसी व्यक्ति विशेष या संस्था के द्वारा रखा जाता है जिसमें अच्छे व्यक्ति को बुलाकर आपको भविष्य कैसे उज्जवल किया ये जानकारी दी जाती है तो इस पुरे आयोजन को ही सेमिनार कहा जाता है। सेमिनार में आप अच्छा सिख सकते हैं।जिससे आप जिस क्षेत्र में कार्य रत है उस क्षेत्र में बेहतर करने की ऊर्जा आपको मिल जाती है।
सेमिनार के लाभ क्या है ?
सेमिनार के बहुत सारे लाभ होते हैं।
1. सेमिनार में जाने से हमारे अन्दर ऊर्जा का संचार होता है।
2. सेमिनार आपके सभी संशय को दूर कर देता है।
3. इसके माध्यम से आपके भविष्य के कार्य की राह आसान हो जाती है।
4. यह आपके जीवन को सही दिशा में ले जा सकते हैं।
5. जो जीवन में असंभव रहता है उसे संभव बनाया जा सकता हैै।
सेमिनार का महत्व
सेमिनार में हमारी उपस्थिति होने के कारण हम इतना कुछ सिख जाते हैं जितना हम सोच नहीं सकते है ।इसलिए जीवन के लिए यह बहुत की महत्वपूर्ण है। सेमिनार का अपना एक महत्व होता है जिस प्रकार से बीना चार्ज किये मोबाईल नहीं चल सकता है,बीना खाना खाये इंसान काम नहीं कर सकता है ठीक वैसे ही किसी कंपनी या भविष्य बनाने के लिए हम बीना सेमिनार के वैसे ही हो जाते है जैसे डिस्चार्ज मोबाइल की तरह हो जाते हैं।
सेमिनार की आवश्यकता क्यों होती है ?
सेमिनार की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई है कि जब किसी कंपनी या वर्कर को प्रत्येक गलती पर हर व्यक्ति को अलग अलग नहीं कहा जा सकता है , इसीलिए एक ही जगह इकट्ठा करके सबको एक साथ बताना उचित रहता है इसलिए सेमिनार का आयोजन किया जाता है।और अधिक लोगों को एक साथ आसानी से समझाया जा सकता है इसलिए इसकी आवश्यकता पढ़ी।
सेमिनार की विशेषता क्या है ?
1. सेमिनार में एक साथ बहुत सी संख्या बैठ सकती है।
2. एक व्यक्ति हजारों को समझा सकता है।
3. इसमें ऐसा सिखने को मिलता है, जिससे हम जिस क्षेत्र में कार्य कर रहें हैं उसमें अत्यधिक बेहतर कर सकते हैं।
4.यह बेहतर करने का अच्छा माध्यम है ।
5. सेमिनार में हमेंशा कुछ नया सिखने को मिलता है।
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