बिजनेस प्लान कैसे बनाए Businesses प्लान बनाने से पहले कुछ बातों का हमे विशेष खयाल रखना चाहिए- सर्वप्रथम तो ये देखना है हम पहले से अगर कुछ छोटा मोटा काम कर रहे है या जैसा भी व्यवसाय कर रहे है, उस बिजनेस ( Bussiness) को बेहतर कैसे बना कते है यानी जो हम कर रहे है उसमे अच्छी सफ़लता क्यों नही मिल रही है हम गलती कहा कर रहे है ये देखना बहुत जरूरी है। एक सबसे बडी बात ये भी आपके व्यवसाय में जब भी आप शुरू करते है उसके आय व्यय का हिसाब आपके पास होना चाहिए,यानी की ये देखना जरुरी है कि आप ने कितने फायदा कमाया या कितना नुकसान गया, कितना उसपर खर्च आया और कितना लास्ट में बचा है,ये देखना बहुत जरुरी है। जिस काम को कर रहे हो या शुरू करना चाहते हो उसमे ये देखना आवश्यक है की उसे हम दुसरे से बेहतर या दूसरों से अलग कैसे कर सकते है या ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत कैसे कर सकते है जिससे वो दूसरों से अलग दिखे। व्यवसाय शुरू करने की लिए निजी भवन या बिल्डिंग की जरूरत नही होती है, आप इसके किराए में ही वहा बेहतर कर सकते हो इसलिए ये विचार ना लाए की मेरे पास अच्छी बिल्डिंग नहीं है। बिजनेस ( Bussiness) हमेशा 1000 दिन म
मालवा की वेष्णोदेवी भादवामाता
पर्यटन स्थलों में प्रसिद्ध भारत के मध्यप्रदेश के नीमच जिले में स्थित आस्था का केन्द्र महामाया भादवामाता का तीर्थस्थान है।यह तीर्थ स्थान मालवा की वैष्णोदेवी के नाम से भी प्रसिद्ध है।यह पूरे देश से श्रद्धालू आकर महामाया के दिव्य दर्शन करते है। नीमच जिला मुख्यालय से लगभग 20 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।इस तीर्थ पर सैकड़ो श्रद्धालु प्रतिदिन देवी मां के दर्शन के लिए पधारते है।
देवी स्थान की दार्शनिक संरचना
नीमच से जैसे ही आप मा ं के दरबार की ओर जाते समय जवासा ग्राम के वहां महामाया के नाम से गेट बना हुआ है। गेट से अन्दर प्रवेश करना होता है प्रवेश करते ही कुछ कि.मी. की दूरी पर देवी स्थान के पास एक और गेट बना हुआ है। श्रद्धालूओं के लिए वहां प्रत्येक समाज द्वारा अपनी धर्मशालाओं का निर्माण किया है ।जिससे दर्शनार्थियों को असुविधा नहीं होती है।रात्रि विश्वाम में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है ।कम दाम में उचित व्यवस्था रहने खाने की हो जाती है।मन्दिर परिसर के बाहर एक बगीचा बना हुआ है जो आकर्षण का केन्द्र रहता है ।जिसमें लोग आसानी से वहां टहल सकते हैं। बगीचे के आसपास व रोड़ के दोनो और श्रद्धालुओं के आवश्कता अनुरुप व बच्चों के खेलने की सामग्री की दुकाने लगा रखी है।श्रद्धालुओं को असुविधा ना हो इस हेतु दर्शन के लिए महिला पुरुष की अलग अलग पंक्तियां दर्शन हेतु लगायी जाति है।जिससे दर्शनार्थी दर्शन करके आसानी से दूसरी और निकाल सके।प्रसादी व नारियल के लिए अलग से व्यवस्था रहती है।
श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम के मन्दिर परिसर में भी व्यवस्था रहती है। जिससे रात्रि में परेशानी ना उठानी पढ़े।
देवी स्थान की मान्यताएं व महत्व
एेसा माना जाता है कि जो कोई भी श्रद्धालू मां के दरबार में सच्ची श्रद्धा व भक्ति से दरबार में पहूंचता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।जिसके लिए अनेक श्रद्धालु माम के दरबार में उपस्थित रहते है।सबसे ज्यादा मरीज मां के दरबार में पेरालिसिस(लकवा) के सैकड़ो की संख्या में आते है जो कुछ समय मां के दरबार ही रहते है।रात्रि विश्वाम भी वही करते हैं।कुछ समय वहीं रहने के पश्चात पूर्ण स्वस्थ होकर ही घर लौटते है। वहां एेसा कोई दिन नहीं रहता जिस दिन मरिज ना मिले।मां की सच्ची भक्ति के कारण वो वहां से पूर्ण ठीक होकर ही जाते है।
दर्शन कैसे करें?
मां के दरबार में दर्शन आसानी से हो जाते है ,अगर किसी समय किसी प्रकार से समस्या आये तो लाइव दर्शन(कोरोना काल) में भी कर सकते हैं।दर्शन के लिए माला पुष्प या प्रसादी लेकर अगर आते है या नहीं भी लेकर पधारते है तो भी आप महिला पुरुष की अलग अलग पंक्तियों में खड़े रहकर आसानी से दर्शन कर सकते है। मन्नतें पूरी होने पर बहुत सारे लोग वहां भेंट स्वरुप चढ़ावा चढ़ाते है।
चढ़ावा कैसे चढ़ाएं?
श्रद्धालुओं की मन्नते पूरी होने पर या दर्शानार्थियों के लिए चढ़ावे या भेंट के लिए दान पात्र या भेंट पेटी की व्यवस्था है।जिससे श्रद्धालु अपनी श्रद्धानुसार भेंट पात्र में दान राशी या सोने चांदी के आभूषण भी चढ़ावे में चढ़ाते है।फिर जो दानपात्र रहते है वो वहां समिति का गठन किया हुआ उस समिति की देखरेख में उनको खोला जाता है।
Nice
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