जीवन को बेहतर बनाने के तरीके दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है की उसका जीवन बेहतर हो अच्छा हो, उसके जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे, उसे हर खुशी मिले , यह हर व्यक्ति की सोच रहती है। अब सबसे महत्त्वपूर्ण ये है की हम इन सब को कैसे अच्छा कर सकते है, या जीवन को कैसे बेहतर बना सकते है। बेहतर जीना है तो हमे अपनी सोच बदलकर शुरुआत करनी चाहिए। हमारा स्वभाव ऐसा होता है कि हम अपने से ज्यादा पैसे वाले, अपनो से ज्यादा सुंदर या जो चीज़ हमारे पास नहीं है और वो चीज़ दुसरे के पास है या हमसे ज्यादा है या हमसे अच्छी है, तो हमारे मन में ये विचार चलते रहते है की हमारे पास ये नहीं इसके पास ये है,इस विचार से हम दुःखी या मन में अच्छा फील नहीं करने लगते है, तो इसके लिए हमे ये चाहिए कि हम इस प्रकार की तुलना या सोच ना रखते हुए ये विचार रखें कि जो हमारे पास है हम उसमे ही खुश है। जो है हमारे पास पर्याप्त है। तो हम थोड़ा तनाव मुक्त होकर अच्छा अनुभव करेंगे। यही तो बेहतर जीवन है दोस्तों। जीवन में बदलाव कैसे लाए जीवन में कुछ बढ़ा या अच्छा करना हो तो जैसे पहले जीवन चल रहा था, उसने बदलाव की जरूरत है। जीवन
शिक्षक की राष्ट्र निर्माण में भूमिका
शिक्षक की गोद में कहते हैं कि प्रयल और निर्णाण दोनों पलते है ।शिक्षक ही ऐसा व्यक्ति है जो कि जो राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।शिक्षक ऐसे छात्रों का निर्माण करते है ,जो पूरी सृष्टि की दिशा और दशा बदलने वाले विद्यार्थियों का निर्माण करते हैं जो समय के साथ कुछ अच्छा करके राष्ट्र की प्रगति में अहम् भूमिका निभाते है।एक शिक्षक चाहे तो छात्र को महान इंसान बना सकता है तो वो ही एक हैवान भी बना सकते हैं।पर शिक्षक हमेंशा ऐसे बालकों का ही निर्माण करते है जो राष्ट्र हित में चिंतन करते रहते हैं।
शिक्षकों का राष्ट्र निर्माण में सहयोग
विद्यार्थी जीवन बहुत कोमल होता है उसे जिस दिशा में हम मोड़ना चाहे मोड़ सकते है,लेकिन शिक्षक अपने शीलता ,क्षमा ,व कर्म के गुणों से परिपुर्ण होने के कारण वह बच्चों में भी वैसे ही गुणों को समाहित करता है। जिससे बच्चा शिक्षक के अनुरुप अनुसरण करके वैसा ही सिखने का प्रयास करता है।शिक्षक बालकों के निर्माण में बच्चों का शारीरिक मानसिक व बौद्धिक विकास पूर्ण रुप से हो इस हेतु सतत् चिंतन मनन कर बच्चों को सिखाने में लगे रहते हैं।मानसिक विकास इसलिए जरुरी है ताकि देश में कमजोर पीढ़ी तैयार ना हो ताकि देश के विकास को कोई गुमराह करके अवरुद्ध ना कर सके।शारिरिक तौर पर इस लिए कमजोर हमारे बच्चे ना रहे ,ताकि हम देश पर न्यौछावर होने के लिए हमेंशा हमारे छात्र जवानों के रुप में डटकर दुश्मनों का सामना कर सके।बौद्धिक विकास भी जरुररी है ताकि आने वाली पीढ़ी को ये पीढ़ी अच्छे से सिखा सके या यु कहे हर तरह से बौद्धिक विकास आवश्यक है।
शिक्षक की जीवन शैली
एक साधारण जीवन जीने वाले शिक्षकों का जीवन बहुत ही सरल होता है। वे सिमित संसाधनों में जीवन यापन करते हैं।उनकी बोली में शालीनता रहती है ,उनका सामान्य सा रहन सहन ,सामान्य खान पान ,हर प्रकार से एक शिक्षक सामान्य जीवन जीता है।किसी प्रकार के भ्रष्टाचार से ये कोसो दूर रहते हैं।यह एक नारियल की भांती जीवन जिते है जो उपर से कठोर व अन्दर से कोमल होते हैं। उपर से देखने पर कठोर दिखते हैं। जबकि वास्तव में कोमल रहते हैं।
शिक्षक की दूरदर्शी सोच
एक शिक्षक हमेंशा अपनी दूरदर्शी सोच के कारण बालकों को भविष्य में होने वाली समस्याओं या समाधानों के लिए पहले से प्रयास करना प्रारंभ कर देता है। वह बालकों का निर्माण ठीक उसी प्रकार करता है जिससे बालक भविष्य में जो भी कार्य करें वे राष्ट्र हित में व राष्ट्र विकास में महत्वपूर्ण होता है।देश के लिए एेसे ही शिक्षकों की जरुरत है जो राष्ट्र के लिए एक एेसे बालकों का निर्माण करें जो देश को चहूंमुखी विकास की ओर अग्रसर करें।
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