लिव इन रिलेशनशिप(Live in relationships ) क्या है?
विदेशों में प्रचलित यह प्रथा धीरे धीरे भारत देश में भी शुरु हो गयी है।लिव इन रिलेशनशिप का शाब्दिक अर्थ होता है कि एक अविवाहित पुरुष या अविवाहिक महिला बिना शादि किये भी एक पति पत्नि की तरह रह सकते हैं।जिसे लिव इन रिलेशन शिप(Live in relationship)कहा जाता है। यह प्रथा पश्चिमी देशों में अधिकतर है ,जो धीरे धीरे भारत में भी आने लगी है।बहुत सारे जहां एक पुरुष या एक महिला का विवाह हो जाता है और एक पुरुष व एक महिला अविवाहित होने पर भी एक पक्ष जो अविवाहित है दूसरे विवाहित पक्ष के साथ बिना शादि किये रह सकते हैं जिसे लिव इन रिलेशन शिप कहा जाता है।
माननीय उच्च न्यायालय भारत ने भी लिव इन रिलेशनशीप में लम्बे समय तक रहने पर उन्हे पति पत्नि मान लेना चाहिए,एेसा कहा है।यह रिश्ता उनके जीवन को सुखी और आनन्दित करता है ।
लिव इन रिलेशनशिप (Live in relationship)के लाभ
यह एक एेसा रिश्ता है जिसमें पुरुष व महिला को एक दूसरे को जानने का अवसर मिलता है।एक महिला जो जीवन को जीने के लिए कितने ही सपने लेकर इस सृष्टि पर जन्म लेती है,एक पक्षीय समाज जो बिना महिला की इच्छा जाने उसके जीवन साथी का चयन कर लेते हैं जिससे वो जीवन भर उनके विचार या कई मतभेद होते हैं जिनके कारण उनका सांसारिक जीवन दु:खी रहता है ,ये एक एेसी व्यवस्था है जिसमें महिला को इन सब चिजों को जानने का अवसर मिलता है,वह जीवन भर सुखी रह सकती है।ठीक वैसा ही पुरुषों के साथ भी है जैसा वो अपनी पत्नि में गुण होने चाहिए ,सुखी जीवन जीने के लिए कैसा हमसफर होना चाहिए ये वही रिश्ता है जिसमें उसे आजादी के साथ ये सब जानने का अवसर मिलता है। वैचारिक मतभेद कितने है ये जानने का अवसर मिलता है,दोनों के विचारों में कितनी समानता है कितनी भिन्नता है यह जानने को मिलता है।मनपसंद जीवन साथि मिलने पर व्यक्ति के अन्त:करण की जो खुशी दोनों को मिलती है उसके आनन्द की कल्पना कितनी सुन्दर होगी,ये सब लिव इन रिलेशनशिप (Live in relationship) में जाननेे को मिल जाता है।
लिव इन रिलेशनशिप(Live in relationships) भारतीय समाज की दृष्टी में कैसा है?
भारत वर्ष में भारतीय समाज मान्यताओं और पारम्परिक रिति रिवाज में अत्यधिक विश्वास रखता है।यह समाज एेसे रिश्तों को सहज अस्वीकार कर देता है।परम्पराओं को प्राथमिकता देने वाला समाज एेसे रिश्ते को गलत नजर से देखता है।भारतीय परम्पराओं अनुसार एक पवित्र रिश्ता वैवाहिक जीवन से शुरु होने वाला रहता है। इस प्रकार के रिश्तों में रहने पर ग्रामीण क्षेंंत्रों में लोग अत्यधिक हीन भावना से या फिर समाज से अलग थलग रखने सोच विकसित करके समाज से अलग कर देते हैं।
रिव इन रिलेशनशिप( Live in relationships)में रहने के नुकसान
यह प्रथा कुछ फायदे के साथ नुकसान में जीवन को डाल सकती है। यह सांसारिक सुखी जीवन के साथ कुछ दु:ख का कारण भी बन सकती है।कुछ रिश्तों में समय के साथ कड़वाहट बढ़ जाती है,जिससे रिश्ते कमजोर होने लगते हैं।रिश्तों में मजबूत विश्वसनीयता नहीं होने से वे एक दूसरे से अलग हो जाते जिससे जो पक्ष सहन नहीं कर सकने से गलत कदम तक उठा लेते हैं।कुछ रिश्तों में कम समय में ही आपसी सामंजस्य नहीं रहने से वे एक दूसरे से अलग हो जाते हैं। लम्बे समय तक रिलेशन शिप में रहने के बाद अगर अलग होते हैं तो भविष्य में कही तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है,अगर बच्चों का जन्म हो जाने के बाद भी एेसे रिश्तों में दरार उत्पन्न होने से भविष्य की समस्याओं से सामना हो सकता है।जिससे वह आगे चलकर उनकी शादियॉ(छोटे कस्बा/या ग्रामीण क्षेत्र) में कई दिक्कतें आती है,शादि करवाने के रिश्तें नहीं मिल पाते है,जैसी कई समस्याओं का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है।
लिव इन रिलेशनशिप (Live in relationships) के सन्दर्भ में
यह एक एेसा रिश्ता जिसे लोग अपनी इच्छा अनुसार स्वतंत्रा के साथ जीवन जीने के लिए एक साथ सुखी जीवन जीने के लिए साथ में रहते है।यह परम्पराओं और पुराने रितिरिवाजों से परे एक एेसा संबंध जिसमें पुरुष व महिला सभी बन्धनों से मुक्त रहकर जीवन को एक पति पत्नि के समान साथ में रहकर जीवन जीते हैं।जिसमें वे अपने रिश्तों को बिना विवाह या परिवार की स्वीकृति के बिना ही अपने पारिवारिक जीवन को जिने का प्रयास करने वाली प्रथा है।जिसमें वे जब चाहे तक तक एक साथ जीवन जी सकते हैं।
आप सब से आग्रह है आप क्या सोचते हैं एेसे रिश्तों के बारे में कमेंट करके जरुर बताये,,आपको हमारा लेख कैसा लगा कमेंट करके अवश्य बताईये।
thank u
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