बिजनेस प्लान कैसे बनाए Businesses प्लान बनाने से पहले कुछ बातों का हमे विशेष खयाल रखना चाहिए- सर्वप्रथम तो ये देखना है हम पहले से अगर कुछ छोटा मोटा काम कर रहे है या जैसा भी व्यवसाय कर रहे है, उस बिजनेस ( Bussiness) को बेहतर कैसे बना कते है यानी जो हम कर रहे है उसमे अच्छी सफ़लता क्यों नही मिल रही है हम गलती कहा कर रहे है ये देखना बहुत जरूरी है। एक सबसे बडी बात ये भी आपके व्यवसाय में जब भी आप शुरू करते है उसके आय व्यय का हिसाब आपके पास होना चाहिए,यानी की ये देखना जरुरी है कि आप ने कितने फायदा कमाया या कितना नुकसान गया, कितना उसपर खर्च आया और कितना लास्ट में बचा है,ये देखना बहुत जरुरी है। जिस काम को कर रहे हो या शुरू करना चाहते हो उसमे ये देखना आवश्यक है की उसे हम दुसरे से बेहतर या दूसरों से अलग कैसे कर सकते है या ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत कैसे कर सकते है जिससे वो दूसरों से अलग दिखे। व्यवसाय शुरू करने की लिए निजी भवन या बिल्डिंग की जरूरत नही होती है, आप इसके किराए में ही वहा बेहतर कर सकते हो इसलिए ये विचार ना लाए की मेरे पास अच्छी बिल्डिंग नहीं है। बिजनेस ( Bussiness) हमेशा 1000 दिन म
राजा और मंत्री की प्रेरणा दायक कहानी
"जो होता है हमेंशा अच्छे के लिए होता है" एक बार एक राजा और उसका मंत्री महल में बैठे थे।बैठे बैठे राजा फल काट कर खाने के प्रयास के लिए फल काट रहे थे।अचानक से फल काटते समय राजा की ऊंगली कट जाती है ,तो पास बैठे मंत्री अचानक से बोल उठते है जो होता है अच्छे के लिए होता है राजा साहब चिन्ता ना करें। इतना कहते ही राजा को गुस्सा आ जाता है ,और राजा मंत्री को कारागाह में बन्द करने का आदेश दे देता है और सजा सुना देता है इसे दस खूँखार जानवरों के बीच जिन्दा छोड़ दे ताकी वो नोच नोच के जिंदा खा जाये। एेसा सुनकर मंत्री ने राजा से निवेदन किया है कि राजा साहब आपके यहां इतने वर्षों से वफादारी से काम किया है मेरी अन्तिम इच्छा पूरि नही करोगे क्या? राजा ने तुरन्त मंत्री की बात स्वीकार कर ली।मंत्री से पूछा बोला क्या है आपकी अन्तिम इच्छा ? मंत्री ने जवाब दिया मुझे केवल 10 दिन का समय चाहिए ,उसके बाद आपको जो दण्ड देना है दिजिये ?राजा ने सोचा इतने दिन में कर भी क्या लेगा?जंगल का वृतांत
राजा दूसरे दिन जंगल शिकार पर निकल गये।शिकार पर जाते समय जंगल के बीच में राजा और सैनिकों के बीच ज्यादा अन्तर होने से राजा रास्ता भटक गये।राजा रास्ता भटकने के कारण आदिवासियों के बीच जा पहूंचे और उन लोगों ने उन्हें पकड़ लिया ।राजा ने खूब कहा के मैं वहां का राजा हूं ,ये हूं वो हूं,पर किसी ने एक नहीं सूनी ।और परम्परा अनुसार वहां एक अखण्डित इंसान की बलि दी जाती थी ,तो राजा की बलि देने के लिए ले गये,सारी तैयारिया हो गयी थी ,जैसे ही बलि स्थान पर राजा को ले गये भीड़ में खड़े शक्स की नजर राजा की उस कटी उंगली पर पड़ी और उसने आवाज लगाई यह इंसान तो खण्डित है इसकी बलि नहीं दी जा सकती ।और राजा को छोड़ दिया गया ।जैसे ही राजा को छोड़ा राजा को उसके मंत्री की याद आई
वो दोड़ता हुआ जाता है।
राजमहल का वृतांत
उसके पास पहूंचा के कही वो जानवर उसे खा ना जाये,,पहूंचते ही देखा तो वो सुरक्षित था तो राजा ने कही मंत्री आपने सही कहा था अगर मेरी उंगली नहीं कटी होती तो आज मेरी बलि चढ़ी गई होती यानी जो होता है अच्छे के लिए होता है।
फिर राजा ने मंत्री से पूछा मेरा तो फायदा हूआ आपको क्या फायदा हुआ जो मैंने आपको ये सजा सुना दी,मंत्री ने बढ़े विनम्रता के साथ कहा महाराज आप के साथ शिकार पर हमेंशा में रहता था ,उस दिन भी रहना ही थी ,आपकी उंगली तो कटी हुई रहती और साथ में मैं रहता तो आपकी जगह मेरी बलि चढ़ गई होती ,राजा प्रसन्न हुआ और फिर पूछा आपको जानवरों ने क्यों नहीं खाया ,तो मंत्री ने कहा महाराज जो अन्तिम इंच्छा के बदले मैंने 10 दिन मांगे थे उनमें मैंने इन जीनवरों की खूब सेवा करि ,इन्हें नहलाया खाना पानी सब दिया तो दस दिन में ये मूझे अच्छे से जानने लगे जिससे इन्होंने मूझे नहीं खाया और मैं तो आपके यहां बरसों से हूं फिर आप क्यों मूझे पहचान नहीं सके।
राजा को शर्मिंदगी हुई और मंत्री को कारागाह से आजाद कर दिया ।
यानी जीवन में बहुत से उतार चढ़ाव आते है हमेंशा कुछ ना कुछ अच्छे के लिए ही आते है इसलिए कहा है जो होता है अच्छे के लिए होता है।
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