दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
जिज्ञासा क्या होती है? Jigyasa Kya Hoti h
जब कही जाते समय या कुछ नई चिज हमें नजर आती है,जिसको हमने कभी नहीं देखा होता है,ऐसी चिज जब हमारे सामने आती है तो हमारे मन में ये प्रश्न उठने लगते हैं कि ये क्या चिज है? जो हमारे सामने आई है उसे जानने के लिए हम जल्दी से किसी भी व्यक्ति से पूछने की ईच्छा रखते है कि मैं किसी से पूछ कर इस चिज के बारे में जान सकूं,मेरे मन में जो जानने की ईच्छा जाग्रत होती है उसे ही (Curiosity)जिज्ञासा कहा जाता है।
Curiosity| जिज्ञासा प्रवृति के कारण मुझे बहुत कुछ जीवन में सिखने को मिलता है,मैं जब भी कही गुमने जाता हूं कुछ ना कुछ देख कर नयी चिजों के बारे में जानने की ईच्छा करती है यह प्रवृति मेरे अन्दर किसी भी प्रकार के संशय को दूर करती है,मेरे सोचने समझने की क्षमता का विकास करती है,सबसे अधिक मुझे सिखने का अवसर मेरी यही प्रवृति देती है।
Curiosity| जिज्ञासा प्रवृति के लोग कैसे होते हैं?
इस प्रवृति के लोगों में बार बार प्रश्न पूछने की प्रवृति रहती है ये लोग बहुत ही ज्यादा लिखते है और लिखने की इनके अन्दर ललक रहती है,जहां भी थोड़ा सा भी संशय रहता है,इनके मन में प्रश्न उठने लगते है कि यह क्या चीज हो सकती है ,यह ऐसी क्यों दुख रही है ये क्या है मैं इसे छू सकता हूं या में इसके पास जाकर देख लूं,इसे किसने बनाया होगा? ऐसा क्यों बनाया गया है? इसे ऐसा बनाने से क्या होता है? बनाने के क्या फायदे है? ना जाने कितने ही प्रश्न इस प्रवृति के लोगों या बच्चों में गुण पाये जाते हों,जिनको जानकर वह भविष्य के लिए परिपक्व होता जा रहा है।
Curiosity| जिज्ञासा प्रवृति के लोग क्या परिपक्व रहते हैं?
यह सोचने वालो के लिए थोड़ा अजीब लगता होगा कि बार बार क्या प्रश्न पूछे जा रहा है, ये क्या है वो क्या है? जब कि वास्तविकता ये होती है कि जो इस प्रवृति के लोग रहते है वह बुद्धिजीवी या बहुत ज्यादा सोचने समझने की क्षमता रहती है। वह तीव्र बुद्धि के व्यक्ति होते हैं। ये सब लोगो से अलग होते है, इनके सोचने का तरिका पूरी तरह से अलग रहता है।
Comments
Post a Comment