विजय तिलक पंक्तियां कौन सी अच्छी है ?
जब जब तू जितेगा,ये इतिहास हमेंशा ऐसे ही बतलाएगा,
जो भी सामने तेरे आये,वो मूंह की हमेंशा खायेगा।
जीवन का राज यही है ,हम जो भी कर जायेंगे,
जैसा काम हमारा वैसा नाम पायेंगे।
दुश्मन की औकात नहीं ,जो हमसे टकरायेगा ,
ये खून है इस मिट्टी का,इस मिट्टी के लिए मर मिट जायेगा।देख तेरे होंसले को अच्छे अच्छे वीर भी कांप जायेंगे,
हम भी तेरे दिवाने हैं,विजय तिलक पर झूम के नाचेंग।विजय हो विजय की गाथा चारों ओर गुंज उठेगी,
गद्दारों की व विरोधियों की निंदें भी खोल जायेगी।
विजय तिलक पर हमारे बोल
विजय तिलक या किसी की विजय होने पर हम अपनी भाषा के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित व शुभकामनाएं दे सकते हैं।हम जिस वीरता के साथ व जिस सूझ बूझ के द्वारा या रणनिति के तहत हम आगे बढ़ते गये हैं व हमने जित हासिल की है उसके लिए सबको शुभकामानाएं देते है।जिस परिस्थियों में कोई सामने आने को तैयार नहीं था उन परिस्थितियों में हमने वहां वीरता के साथ व सूझबूझ के साथ जीत हासिल करी है,हम अपने क्षेत्र व जनता का व सहयोग करने वाले सभी साथियों का धन्यवाद देते हैं जिनके अथक प्रयासों से हम सब ने मिल ये प्रचंड जित हासिल की है।हम समस्याओं का सामना करते हुए भी हम आगे बढने में कामयाब हुए है,सबसे बढ़ी बात तो ये हैं कि हम हारती हुई बाजी को जितने में कायब रहे ये हम सबकी सबसे बढ़ी जीत है,व भविष्य के लिए भी सिख है हम अन्त तक प्रयास या लड़ते रहना चाहिए जब तक हमें जीत हासिल ना हो,ये हम सबके लिए जीवन में सबसे बढ़ी जित के साथ सिख भी मिली है।
विजय तिलक कितने प्रकार की हो सकती है?
विजय तिलक या विजय बहुत सारे प्रकार के होते हैं।जब हम किसी प्रतिद्वंदी से लड़ते है तो जो पक्ष कमजोर होता है वो दूसरे पक्ष से हार जाता है,व जो जितने वाला होता है वह विजय होता है,विजय का तिलक उसी के सिर पर लगता है। या फिर एक चुनाव में भी आप देख सकते हैं,जो आपके लिए या आप किसी के लिए चुनाव में चुनाव लड़ते है,एक व्यक्ति के कम वोट व दूसरे के अधिक वोट मिलते हैं तो जिस व्यक्ति के अधिक मत या वोट मिलते है वह व्यक्ति विजय होता है और विजय तिलक उसी को लगाया जाता है।
विजय कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
विजय प्राप्त करने के लिए हमें अच्छी रणनिति की जरुरत होती है,जिसके सही क्रियान्वयन के द्वारा हम आसानी जीत सकते हैं।साथ ही हमें अच्छे सदस्यों के समूह की जरुरत भी पढ़ती है जिसके द्वारा हम हमारा सभी सदस्यों में काम की विभाजन करके किसी भी कार्य में आसानी से विजय हो सकते है।विजय के लिए हमें अर्थ का सद्पयोग की जरुरत भी रहती है जिससे हम आसानी से किसी भी कार्य में जितने में कुछ हद तक सहायता मिल सकती है।
कह रहा है संसार सारा ये विजय तिलक की गाथा है,
कर गया तू ऐसा सब कुछ,जिसने दिलायी तूझे यश गाथा है।
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