दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
विज्ञान (science) किसे कहते हैं?
प्रकृति में जो क्रमबद्ध तरिके से जो घटनाक्रम चलता रहता है ,उसे विज्ञान(science) कहते हैं।आज मनुष्य ने विज्ञान(science) के क्षेत्र काफि ऊंचाई पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है,विज्ञान(science) के माध्यम से आज मानव जीवन सरल व सहज बन किया है,विज्ञान(science) ने कई उपलब्धियां व कार्य मनुष्य के लिए किये है व यह वरदान के साथ साथ एक अभिशाप भी है।
विज्ञान(science) ने आज मनुष्य को आश्चर्य चकित किये जाने जैसे किर्तिमान व कार्य किये है।
विज्ञान ने किन-किन क्षेत्रों में अपने किर्तिमान स्थापित किए हैं?
चिकित्सा के क्षेत्र में
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान (science) ने कई चमत्कार किये है,हार्ट प्लांट से लेकर कई प्रकार के अंगो को व्यक्ति के शरीर में खराब होने पर नये डालने का कार्य विज्ञान (science) के कारण ही संभव हो सका है।चिकित्सा क्षेत्र में एम्स से लगाकर सभी प्रकार के संस्थान ने चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति करी है।आज केंसर जैसी बिमारियों का इलाज व पोलियों जैसी बिमारियों को लगभग समाप्त सा करने की क्षमता एक मात्र चिकित्सा क्षेत्र में विज्ञान (science) ने कर दिखाया है ।आज डॉक्टर भगवान बनकर मानव जाति के कल्याण हेतू सतत कार्य कर रहें है,यह सब विज्ञान (science) की ही देन है।
यातायात के क्षेत्र में
यातायात के क्षेत्र में विज्ञान (science) ने कई प्रकार से मानव को आवागमन हेतु सरल व सहज गंतव्य स्थान पर पहूंचाया है। आज हजारों किलोमीटर की दूरी को कुछ ही घण्टों में तय कर लेते हैं ये सब विज्ञान (science) के कारण ही संभव हो पाया है।आज मनुष्य हवाईजहाज से लेकर पानी के जहाज ,मोटर सईकिल ,कार ,बस ,ट्रक जैसे कई साधनों की वजह से कही पर कितनी ही दूरी हो कम समय में अपने गंतव्य क्षेत्र तक पहूंच जाता है,ये सब विज्ञान (science) की ही देन है। विज्ञान (science) के द्वारा हम ऐसे मशीनरी बनाने में भी कामयाब हूई है जो ड्राईवर लेस होकर भी अपने गंतव्य स्थान पर व्यक्ति को पहूंचा देते हैं।
कम्प्यूटर के क्षेत्र में
कम्प्यूटर के क्षेत्रस में भी आज प्रगति के नये आयाम लेकर विज्ञान (science) छटवी सांतवी पीढ़ी के कम्प्यूटर के लिए कार्य कर रहा है,जो लाखों की गणना कुछ सेंकण्ड में कर सकता है,आज मनुष्य के कई गुना कार्य को इसने आसान व सरल बना दिया है।कुछ ही समय में सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं।हमें जहां चाहें वहां सूचनाएं भेज सकते हैं ये सब विज्ञान (science) की ही देन हैं।
अन्य क्षेत्र में
विज्ञान (science) ने अलग अलग क्षेत्रों में अपने किर्तिमान स्थापित किये हैं।टेक्नोलोजी के क्षेत्र में,चिकित्सा,कम्प्यूटर ,आधूनिक भारत में कई प्रकार के बदलाब भारत में हो रहे हैं,विज्ञान (science) ने द्वारा मानव समाज शीर्ष पर पहूंचा है जिससे वह अपने जीवन को सफल व सरल बनाता जा रहा है।
"विज्ञान एक वरदान है व साथ एक ही एक अभिशाप है।"
विज्ञान (science) ने हमें बहुत कुछ दिया है,जिससे में सुखी व आराम दायक जीवन जी रहे हैं,साथ ही यह एक अभिशाप के रुप में जिससे कई प्रकार की जन हानि होती है,जिस प्रकार से बहुत सारे प्रयोगों में व वाहन दूर्घटना में कई लोगों की मृत्यु हो जाती है,बहुत सारी बार ऐसी घटनाएं जो मानव जाति के लिए हानिकारक विज्ञान (science) के द्वारा होने से यह मानव जाति के लिए एक अभिशाप के रुप में भी कार्य करता है।
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