दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
chance।अवसर जीवन में एक ही बार मिलता है।
हर व्यक्ति को सफल होने के लिए जिन्दगी हमेंशा उसे एक अवसर जरुर प्रदान करती है,उस व्यक्ति समझना चाहिए होता है कि ये अवसर उसे मिल रहा है यह दोबारा नहीं मिलने वाला है,उसे चुकना नहीं चाहिए,उस अवसर को भूना लेना चाहिए।ताकि वह अवसर जीवन में आपकी सफलता का अवसर रहे।हमें हमेंशा हमारी असफलताओं के लिए दूसरों को दोष देते हुए लोग जीवन में बहुत मिलेंगे।लेकिन जब समय आता है सफल होने का ऐसे अवसर को प्राप्त जो कर लेता है जीवन के उस मुकाम को वो हासिल कर लेता है,जहां पहूंचने के लिए दुनिया सपना देखती रहती है।
chance।अवसर पर महान सक्सीयत की कहानी
एक बार एक बहुत बड़े व्यक्ति का साक्षात्कार चल रहा था,सीधा प्रसारण चल रहा था ,पत्रकार ने बीच में उस महान सक्सीयत से पूछी की आपकी सफलता का राज क्या है।
तब उस व्यक्ति ने पत्रकार को अपनी जेब से चैक बुक निकालकर एक ब्लेंक चेक पत्रकार को सौप दिया ,और कहा गया कि आपकी जितनी ईच्छा हो उस चैक में राशि भर के अपने पास रख लो,पत्रकार चौंकते हुए और लाईव प्रसारण चल रहा था तो कैसे चेक को स्वीकार करता है ,तो उसने मना कर दिया ,जैसे ही पत्रकार ने चैक लेने से मना किया ,तब उस महान सक्सीयत ने कहा कि अगर आपकी जगह मैं होता तो ये( chance)अवसर नहीं छोड़ता और चेक पर राशि भर लेता ।मेरी सफलता का राज यही कि मैंने जीवन में कभी (chance)अवसर को जाने नहीं दिया ।
chance।अवसर कैसे प्राप्त करें?
जीवन में आपको कही पर भी छोटा हो या बड़ा कार्य हो जब भी करने को मिलता है तो हम बहुत सी बार शर्म रख कर या ये सोच कर मना कर देते हैं कि मैं नहीं कर पाऊंगा,या मेरे करने जैसा नहीं है? ये मैं नहीं कर सकता हूं,जैसे विचार आपके उसी अवसर को समाप्त कर देते हैं जहां आपको कुछ करने को अवसर (chance) मिला है।हमें ऐसे समय में कुछ कर दिखाना है क्योंकि जिन्दगी आगे रहकर आपको कुछ दे रही है कि इस कार्य को करिये,हम क्यों पिछे हट जाते हैं कि नहीं मैं नहीं कर सकता हूं,ऐसे क्यों? हमैं हमैंशा तैयार रहना चाहिए उस अवसर को भूनाने के लिए।और कार्य को शुरु कर देना चाहिए।
chance।अवसर कब और कहां मिलता है?
जीवन में अवसर मिलने का कोई स्थान या समय फिक्स नहीं होता है।ना कोई तय रहता कि हमें कब अवसर मिलेगा,ये हमें तय करना चाहिए कि जब भी कोई कार्य या कुछ कर दिखाने का मौका मिला है इसे मैं कभी नहीं छोडूंगा।क्योंकि ऐसे अवसर बार बार नहीं मिलते हैं।जिन्दगी हर शक्स को कुछ करने का एक अवसर जरुर देती है,हमें वही अवसर को प्राप्त करके कुछ हासिल करना है।
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