सच्चा प्रेम कैसा होता है प्रेम को अगर देखा जाए तो वास्तविकता में उसे कोई परिभाषित नहीं कर सकते है, प्रेम एक ऐसा एहसास और अटूट बंधन है अगर सच्चा और दिल से किया गया प्रेम हो तो वो कभी खत्म नहीं होता है। बहुत सारे लोग कहते है या सोचते है कि प्रेम था पर अब उससे नफरत होने लगी है, अब में उसकी शकल भी नहीं देखना चाहते है, असल में वो प्रेम था ही नहीं, जिसके बारे में सोचकर या उसे देखकर नफरत होने लगे या उसकी गलती के कारण भी नफरत होती है तो असल जिन्दगी में वो प्रेम था ही नहीं, जहां प्रेम होता है वहां ऐसे विचार ये शब्द ही नहीं होते है। इसलिए सच्चा प्रेम जीवन पर्यंत रहता है , जो अलग होने पर भी नफरत नहीं बस प्रेम दिखता है। प्रेम एक अटूट बंधन होता है। प्रेम कभी भी कुछ घंटे या कुछ दिन या फिर कुछ सालों का रिश्ता या एहसास नहीं होता है,ये हमेशा के लिए शारीरिक इच्छा की पूर्ति के लिए नहीं वरन जिसको महसूस किए जाने वाले रिश्ते में बंधा हुआ एक प्यारा सा एहसास है। ये टूटने या कम होने जैसा बंधन या रिश्ता या एहसास नहीं है। मेरे हिसाब से प्रेम को परिभाषित ही नहीं किया जा सकता है, क्...
Responsibility|जिम्मेदारी क्या होती है?
जब हम किसी कार्यालय में या किसी के द्वारा किसी अन्य स्थान पर आपको कार्य दिया जाता है ,आपको ये कहा जाता है कि ये आपको ही करना है तो ये जिम्मेदारी होती है।या जिम्मेदारी सौंपी जाती है ।ये हमारा भी दायित्व होता है कि हमें जिस प्रकार से जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो हमें उसे जिम्मेदारी के साथ निभाना चाहिए।कोई भी व्यक्ति आपको( Responsibility)जिम्मेदारी आप पर भरोसा रख कर ही करता है,हमारा भी दायित्व रहता है कि हम उस कार्य को बड़ी पूर्णता के साथ करें।
Responsibility|जिम्मेदारी कैसे निभायी जाती है?
Responsibility|जिम्मेदार व्यक्ति ही किसी कार्य की जिम्मेदारी निभा सकता है। जैसे आप किसी कार्य को या कार्यलाय में कार्य करते हैं ,वहां के वरिष्ठ पदाधिकारी या मालिक ने आपको किसी कार्य को कार्यलय बन्द होने या शाम होने तक कार्य करके देने के लिए कहा है ,अब आपकी जिम्मेदारी ये होती है कि हमें उस कार्य को उस समय सिमा में पूर्ण करके अपने मालिक या वरिष्ठ अधिकारी को देना रहती है ,ये हम तय सीमा में कार्य को समाप्त कर देते हों तो आपने जिम्मेदारी के साथ कार्य को किया है,ठीक उसके विपरित जब आप उस कार्य को अगले दिन के लिए टाल देते है तो आप ने जिम्मेदारी के साथ कार्य नहीं किया है।
Responsibility|जिम्मेदारी से कार्य करने के क्या क्या फायदें हैं?
हम जिस क्षेत्र में कार्य कर रहें हैं वो जिम्मेदारी के साथ करने से हमें कई प्रकार से फायदें मिलते हैं।जब हम जिस क्षेत्र में कार्य करते है सेवा हमारी उत्कृष्ट होने पर हमें पदोन्नति के आसार बढ़ जाते हैं।हमें हमारी जिम्मेदारी से कार्य करने पर जल्दी से पदोन्नति मिल जाती है।हम जिम्मेदारी से कार्य करते हैं तो हमारे प्रति हमारे वरिष्ठ अधिकारी या मालिक का विश्वास बढ़ता है जिससे हमारी सैलरी में बढ़ोतरी के आसार भी रहते हैं।
Responsibility|जिम्मेदारी से कार्य करने पर हमें धीरे धीरे महत्वपूर्ण जिम्मेदारीयां मिलने लगती है जिससे हमारे अन्दर सिखने की कला का विकास होता है,जिम्मेदारियां इंसान को बहुत कुछ नया सिखाती है,इसलिए जिम्मेदारीयों से कभी भागना नहीं चाहिए।हमें हमेंशा स्वीकार करके उनसे सिखते हुए उन्हें पूरी निष्ठा के साथ करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए।
Responsibility|जिम्मेदारी से कार्य ना करने पर नुकसान
Responsibility|जिम्मेदारी से कार्य नहीं करने पर हम पदोन्नति व हमारी विश्वसनीयता में कमी आकर हमारे भविष्य के बारे में आगे बढ़ने के कही रास्ते बन्द हो जाते हैं ,हम ज्यादा समय तक किसी एक स्थान पर कार्य नहीं कर सकते हैं,फिर बार बार जगह बदलना पढ़ती है जिसे हमारी धीरे धीरे विश्वसनीयता घटती जाती है व हमारा भविष्य समाप्त सा हो जाता है।
जीवन में हमेंशा Responsibility|जिम्मेदारी के साथ ही कार्य करना चाहिए।जिम्मेदारी से कार्य करते हुए हम अपने भविष्य को सुनहरा बना सकते हैं।Responsibility|जिम्मेदारी व्यक्ति कभी भी अपने कार्य के प्रतिलापरवाह ना होते हुए उसे जिम्मेदारीके साथ निभाता है।
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