दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
विवाद करने से क्यों बचना चाहिए ।
विवाद के कारण व्यक्ति के जीवन में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है । विवाद करने से हमारा समय तो बर्बाद होता ही है साथ में हम दिन भर हमारे कार्य से प्रभावित हो जाते हैं यानी हमारा कार्य अच्छा नहीं होता है और दिन भर मानसिक तनाव रहता है जिसके परिणाम स्वरूप हम हमारे कार्य को अच्छे से नहीं कर पाते हैं साथ ही समाज के बीच हमारे प्रति सोचने की जो धारणा है इसमें बदलाव हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप लोग हमसे बात कर ने से कतरा ने लगते हैं जिसके कारण हम अकेले पढ़ जाते हैं।
विवाद करने से नुकसान क्या है?
विवाद व्यक्ति को हमेशा उलझन में ही डालता है। विवाद के कारण हम अपना धन, मान सम्मान, प्रतिष्ठा बार बार हर छोटी बात पर विवाद करने से समाप्त हो जाती है। इसलिए हमें विवाद करने से बचना चाहिए। विवाद नहीं करने से आप के पास ये सब चिजें हमेंशा बनी रहेगी।
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