दो दिलों का रिश्ता कैसा होना चाहिए दो दिलों का रिश्ता डाली और फूल सा होता है, फूल टूट जाय तो डाली सुखी लगती है, फूल खिल जाय तो वही डाली खुबसुरत लगने लगती है, उसी प्रकार रिश्ते में भी दोनों दिलों का महत्व होता है एक ओर से निभाने वाले दिल के रिश्ते कभी ज्यादा नहीं चल पाते है क्योंकि वो दिल से नही दिमाग से निभाए जाते थे। इसलिए दो दिलों का रिश्ता ऐसा मजबूत होना चाहिए कि एक के बिना दुसरे का काम नही चल सकता है। दो दिलों का रिश्ता एक खूबसूरत एहसास है जब रिश्तों को किसी प्रकार से तोलने का प्रयास करोगे तो कभी आप बराबर तोल नही पाओगे क्योंकि ये रिश्ते एहसास से नापे जाते है, एहसास ही वो चीज़ है जिससे आपके रिश्ते की मजबूती पता चलती है।
भारत में राखी क्यों मनायी जाती है?
भारत में राखी भाई बहिन के पवित्र रिश्ते के रुप में मनाये जाने वाला त्यौहार है, इस दिन बहिन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। भाई अपनी बहिन को उसकी रक्षा का वचन देता है।इस दिन घरों में मिठाईया बनती है।नये नये कपड़े पहने जाते है। राखी भाई बहिन का वो पवित्र रिश्ता है जिसमें भाई अपनी बहिन को रक्षा का वचन देते हैं ।
भारतीय संस्कृति में रिश्तों का महत्व इतना अधिक इसीलिए होता है, जिससे हमारा देश आज भी एकता के सूत्र में बंधा हुआ है। जहां रिश्तों की डोर कमजोर होती है, वहां रिश्तों में दरार हो जाती है। जिससे रिश्ते या तो टूट जाते हैं या फिर कमजोर हो जाते हैं। इसलिए ये भारतीय परम्पराओं को निभाने वाले त्यौहार निरन्तर चलते रहते हैं,जिससे रिश्ते मजबूर होते हैं।
राखी कब मनायी जाती है?
राखी प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनायी जाती है।इस दिन राखी की डोर भाई बहिन एक दूसरे की कलाई पर राखी बांधकर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बढ़े ही धूम धाम से मनायी जाती है। पूरे भारत में मनाये जाने वाला त्यौहार है।
राखी का कच्चा धागा जरुर रहता है परन्तु इसके रिश्ते की डोर बहुत मजबूत होती है।इस रिश्ते की डोर को हर कोई तोड़ नहीं सकता है। यह पवित्र भाई बहिन के पवित्र प्रेम के प्रतिक का त्यौहार है।
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