बिजनेस प्लान कैसे बनाए Businesses प्लान बनाने से पहले कुछ बातों का हमे विशेष खयाल रखना चाहिए- सर्वप्रथम तो ये देखना है हम पहले से अगर कुछ छोटा मोटा काम कर रहे है या जैसा भी व्यवसाय कर रहे है, उस बिजनेस ( Bussiness) को बेहतर कैसे बना कते है यानी जो हम कर रहे है उसमे अच्छी सफ़लता क्यों नही मिल रही है हम गलती कहा कर रहे है ये देखना बहुत जरूरी है। एक सबसे बडी बात ये भी आपके व्यवसाय में जब भी आप शुरू करते है उसके आय व्यय का हिसाब आपके पास होना चाहिए,यानी की ये देखना जरुरी है कि आप ने कितने फायदा कमाया या कितना नुकसान गया, कितना उसपर खर्च आया और कितना लास्ट में बचा है,ये देखना बहुत जरुरी है। जिस काम को कर रहे हो या शुरू करना चाहते हो उसमे ये देखना आवश्यक है की उसे हम दुसरे से बेहतर या दूसरों से अलग कैसे कर सकते है या ग्राहक के समक्ष प्रस्तुत कैसे कर सकते है जिससे वो दूसरों से अलग दिखे। व्यवसाय शुरू करने की लिए निजी भवन या बिल्डिंग की जरूरत नही होती है, आप इसके किराए में ही वहा बेहतर कर सकते हो इसलिए ये विचार ना लाए की मेरे पास अच्छी बिल्डिंग नहीं है। बिजनेस ( Bussiness) हमेशा 1000 दिन म
जीवन में सिखने का लक्ष्य कैसे बनाये?
जीवन में व्यक्ति स्वयं कभी परिपूर्ण नहीं होता है ।उसे ऐसा कभी मानना या सोचना भी नहीं चाहिए कि मैं परिपूर्ण हूँ। सतत् जीवन में सिखने की प्रवृति बनाये रखना चाहिए, स्वयं में ये अभियान नहीं रखना चाहिए कि मैं अन्य से क्यों सिखूं, जब हमें छोटे बच्चे से भी अगर कुछ सिखना मिलता है तो सिख ले लेना चाहिए क्योंकि जीवन में हमेंशा सिखने की प्रवृति बनाने से हमें बढ़े लक्ष्य की प्राप्ति होती है।जीवन अगर सिखने का लक्ष्य बनाते हैं तो हम बढ़ी सफलताओं को पार कर जीवन में प्रगति मार्ग पर बढ़ते है।
जीवन में सिखना एक कला है।
हम देखते हैं कि व्यापारी लोग या व्यापार से जूड़े लोग देश विदेश की यात्राएं अधिक करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य रहता है, भ्रमण के दौरान सिखने वाले नये नये अनुभवों का लाभ उन्हें मिलता रहे । नये नये अनुभव से नित नया सिखने को मिलता है। जिन लोगो में सिखने की आदत होती है वे जिज्ञासा प्रवृति के लोग होते हैं, जिनमें इस प्रकार की कला रहती है।जिससे वे नया सिखते रहते हैं, इसलिए कहा गया है कि जीवन में सिखना एक कला है ।
सिखना कहा से सिख सकते हैं ।
हमेें सिखना या जीवन के उपयोग की जो बाते है वे हमें जीवन में घटित होने वाली घटनाओं के अनुभव के आधार पर सिखने को मिलती है। इसलिए सिख ये कहना की कहा से मिलती है तो इसकी कोई सिमित या स्थायी जगह नहीं है जहां से हम सिख सकते हैं ये तो जीवन में घटित घटनाओं का अनुभव होता है। जिनसे हमे सिखना मिलता है।
Comments
Post a Comment