खुद को नियंत्रित कैसे रख सकते है | जीवन में हम हमेशा किसी कार्य को लेकर या कुछ ऐसा हमारे साथ गठित हो जाता है जिससे हम स्वयं को नियंत्रित नही कर पाते है | हम ऐसे परिस्थिति में कुछ गलत कदम उठा लेते है ऐसे में हमे क्या करना चाहिए | उसके लिए हम कुछ टिप्स आपसे शेयर करेंगे | हमे हमारी मनः स्थति को सय्यमित रखने के लिए हमे सबसे पहले धैर्य रखना चाहिए | धैर्य आपकी उस स्थति के परिणाम को कुछ अच्छी जगह पर ही लेकर ही जायेगा | इसलिए जब भी कुछ ऐसी विपरीत परिस्थितियां बनती है उसमे हमे घबराना नहीं चाहिए | हड़बड़ाहट में हम हमेशा कुछ न कुछ गलती कर बैठते है | इसलिए कुछ भी ऐसा होने पर या तो क्रोध को स्वयं पर हावी न होने दे या दुःख की परिस्थिति बनती है तो स्वयं को ऐसा फील होने से रोके की में अंदर से टूट चूका हु या अब में कुछ नहीं कर सकता हूँ | हमारे मन में उस कमी को जिसे हम पाना चाहते है या किसी चीज जिसे हमे पाने क लिए प्रयास किया था उसके खोने या कम होने पर मन में ये विचार लाना चाहिए की जो गया हे शायद वो हमारे लिए ठीक नहीं था मुझे जिंदगी उससे भी कुछ अच्छा देने जा रही है इसी लि
कर्ज लेने से जीवन पर क्या प्रभाव पढ़ता है?
कर्ज लेने से सही तरिके से सही योजना से ना लिया हुआ कर्ज जीवन पर विपरित प्रभाव डालता है। आदमी उन्नति की जगह कर्ज के दल दल में फसने लगते है और एक समय ऐसा आता है जिससे उसकी जमीन जायदाद सब बिक जाती है। इसलिए कर्ज जब भी ले सोच समझ कर लेना चाहिए।
जब अत्यधिक कर्ज होने पर प्रतिदिन कोई ना कोई कर्ज लेने या कॉल करके दिन भर आप को उसके लिए परेशान करता रहेगा, जिस कारण आप जो कार्य कर रहे है उसको पूरी लगन से ना कर पायेंगे। कार्य सही से ना होने पर उधर भी व्यवसाय में नुकसान व ईथर भी कर्जा बढ़़ रहा है तो अन्त में व्यक्ति को कुछ गिरवी या बेचने की नौबत आ जाती है।
कर्ज लेने या चुकाने का सही तरिका क्या है? Karj chukane LA sahi tarika
हमें कर्ज उतना ही लेना चाहिए जितना हमारे व्यवसाय के फायदे में से थोड़ा थोड़ा करके मूल राशि व ब्याज दोनों जमा होते रहे, व व्यवसाय में आवश्यक सामग्री की कमी भी पैसे के अभाव में कम ना पढ़े।जिससे हम किसी भी प्रकार से मासिक या साप्ताहिक या जैसे भी हो हमारी राशि जमा करवा सकते है।
कर्ज हमारी क्षमताओं से अधिक नहीं लेना चाहिए, साथ कर्ज लेकर अपने शोक पूरे नहीं करना चाहिए। मकान बनाना या वाहन लेने जैसे की जगह आप कुछ भी व्यवसाय में कर्ज की पूंजी लगाओगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
कर्जा होने पर उससे बाहर कैसे निकलना चाहिए? Karja Hone Pr Bahar kaise nikle
कर्जा होने पर सभी ओर से कर्ज लेने वालों का दबाव रहता है,तो सबसे पहले हमें अपने आप को ज्यादा दवाब में या शर्म जैसा या कमजोर महसूस ना होने दे।हमारे अन्दर की ताकत को कमजोर ना होने दे।थोड़ा सा मन को शांत रखें, गबराये बिलकुल भी नहीं।क्योंकि जब तक हम स्वयं सही निर्णय करने के लिए तैयार नहीं होंगे हम कुछ अच्छा सोच ही नहीं सकते है। फिर यह सोचना प्रारंभ करिये के हमनै जिस व्यवसाय में पैसे लगा रखें है उसमें गलती कहा हो रही है व्यवसाय में हमारी मेहनत कम हो रही है या सही तरिके से नहीं हो रही है इसलिए हमें व्यवसाय में नुकसान हो रहा है,उस कमी को या अपने कार्य करने के तरिके में बदलाव करिये।आपको सफलता मिलेगी। साथ धीरे धीरे कर्ज से मुक्ति भी मिलेगी।
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