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आसानी से लोन कैसे ले सकते है | Asani Se Loan Kaise Le Sakte H

 आसानी से लोन कैसे ले सकते  जब हमे पैसे की जरुरत होती है तो हम आसानी से लोन कैसे ले सकते है इस बात पर चिंतन करने लगते है परन्तु हम आपको आसान प्रक्रिया बताते है जिसके माद्यम से आसानी से लोन ले सकते है | जब हमे ज्यादा जरुरत होती है या फिर हमें व्यवसाय करने के लिए पैसे की जरुरत होती है तो  हम इस प्रक्रिया से लोन ले सकते है|                                            लोन के लिए हम प्रॉपर्टी और व्यवसाय पर भी पैसा जब हमे ज्यादा जरुरत होती है या फिर हमें व्यवसाय करने के लिए पैसे की जरुरत होती है तो  हम इस प्रक्रिया से लोन ले सकते है ,लोन के लिए हम प्रॉपर्टी और व्यवसाय पर भी पैसा आसानी से मिल जाता है, हम लोन के लिए इन चीजों पर आसानी से निकटम शाखा में जाकर संपर्क करके लोन लेकर अपने पैसे या व्यवसाय का काम हो सकता है |  लोन लेने से क्या फायदे होते है ? लोन लेने से एक तो ये फायदा किसी को जल्दी पैसा नहीं देना पड़ता है  पैसा किस्तों में दे सकते है  कम ब्याज पर पैसा मिल जाता है  धीरे धीरे किस्तों में पैसा जाता है तो हमे ज्यादा दिक्कत नहीं होती है पैसे जमा करवाने में |  लोन लेने से क्या फायदे होते है

स्वयं पर नियंत्रण कैसे रख सकते है? swayam par niyantran kaise rakh sakte hai

खुद को नियंत्रित कैसे रख सकते है |

 जीवन में हम हमेशा किसी कार्य को लेकर या कुछ ऐसा हमारे साथ गठित हो जाता है जिससे हम स्वयं को नियंत्रित नही कर पाते है | हम ऐसे परिस्थिति में कुछ गलत कदम उठा लेते है ऐसे में हमे क्या करना चाहिए | उसके लिए हम कुछ टिप्स आपसे शेयर करेंगे | 

                 हमे हमारी मनः स्थति को सय्यमित रखने के लिए  हमे सबसे पहले धैर्य रखना चाहिए | धैर्य आपकी उस स्थति के परिणाम को कुछ अच्छी जगह पर ही लेकर ही जायेगा | इसलिए जब भी कुछ ऐसी विपरीत परिस्थितियां बनती है उसमे हमे घबराना नहीं चाहिए | हड़बड़ाहट में हम हमेशा कुछ न कुछ गलती कर बैठते है | इसलिए कुछ भी ऐसा होने पर या तो क्रोध को स्वयं पर हावी न होने दे या दुःख की परिस्थिति बनती है तो स्वयं को ऐसा फील होने से रोके की में अंदर से टूट चूका हु या अब में कुछ नहीं कर सकता हूँ | 

      हमारे मन में उस कमी को जिसे हम पाना चाहते है या किसी चीज जिसे हमे पाने क लिए प्रयास किया था उसके खोने या कम होने पर मन में ये विचार लाना चाहिए की जो गया हे शायद वो हमारे लिए ठीक नहीं था मुझे जिंदगी उससे भी कुछ अच्छा देने जा रही है इसी लिए उसे काम किया है ये सोचकर हमे स्वयं को उसकी कमि को ये सोचकर दूर करना चाहिए | 

नियंत्रण हम किन किन परिस्थिति में खो देते है और हमे पता ही नहीं रहता है |  Niyantaran hm kin kin parishiti me dete hai 

जब हम किसी व्यापार में हमे नुकसान हो जाता है ये या फिर हमारे कोई प्रिय हमें छोङकर चले जाते है तब हम ऐसा अनुभव करते है| हमे उन परिशतियूं के अनुरूप हमारा मंद रियेक्ट करता है जैसा हमे सामने दीखता है  हमे वैसे ही लगने लगता है इस लिए हमे स्वयं को नियंत्रित रखना चाहिए और वो रखने के लिए हमारे मन को स्थिर हम रख कर हमारे जीवन को सफल बना सकते है | 
            स्वयं को नियंत्रित रखने के लिए कुछ आप ये भी कर सकते है | हमे हमारे काम में इतना व्यस्त हो जाना चाहिए की हमे कुछ जो हुआ है उसकी याद नहीं आये | दूसरे जो पहले बताया है ये सोचियेगा की जो हुआ उससे में कुछ और बेहतर करूंगा इसलिए ऐसा हुआ | तीसरा ये की मन को स्वयं ही समझाना है या उसका एहसास बार बार न करे की ऐसा हो गया है ऐसा हो गया है नहीं तो हम उसमे ही उलझ कर रह जायेंगे 

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