सच्चा प्रेम कैसा होता है प्रेम को अगर देखा जाए तो वास्तविकता में उसे कोई परिभाषित नहीं कर सकते है, प्रेम एक ऐसा एहसास और अटूट बंधन है अगर सच्चा और दिल से किया गया प्रेम हो तो वो कभी खत्म नहीं होता है। बहुत सारे लोग कहते है या सोचते है कि प्रेम था पर अब उससे नफरत होने लगी है, अब में उसकी शकल भी नहीं देखना चाहते है, असल में वो प्रेम था ही नहीं, जिसके बारे में सोचकर या उसे देखकर नफरत होने लगे या उसकी गलती के कारण भी नफरत होती है तो असल जिन्दगी में वो प्रेम था ही नहीं, जहां प्रेम होता है वहां ऐसे विचार ये शब्द ही नहीं होते है। इसलिए सच्चा प्रेम जीवन पर्यंत रहता है , जो अलग होने पर भी नफरत नहीं बस प्रेम दिखता है। प्रेम एक अटूट बंधन होता है। प्रेम कभी भी कुछ घंटे या कुछ दिन या फिर कुछ सालों का रिश्ता या एहसास नहीं होता है,ये हमेशा के लिए शारीरिक इच्छा की पूर्ति के लिए नहीं वरन जिसको महसूस किए जाने वाले रिश्ते में बंधा हुआ एक प्यारा सा एहसास है। ये टूटने या कम होने जैसा बंधन या रिश्ता या एहसास नहीं है। मेरे हिसाब से प्रेम को परिभाषित ही नहीं किया जा सकता है, क्...
ज्ञान का विकास कैसे करें?
ज्ञान का विकास किसी भी परिस्थिति में तुरंत नहीं हो सकता है। ज्ञान निरंतर सीखने की एक शक्ति है जिसे जितना हम बाटते है, उतना बढ़ता जाता है। इस लिए ये सोचना या सोच लेना मै तो एक महीने या एक साल में सब कुछ सीख कर ज्ञान में परिपूर्ण हो सक्ता हूं तो ये मूर्खता होगी।
ज्ञान का विकास सतत सीखने की प्रक्रिया है जो धीरे धीरे अनुभवों के आधार पर बड़ता जाता है। इसके विकास के क्रम को बढ़ाने के लिऐ हमे निरंतर नित नए कार्य या जिस क्षेत्र में हम सीखना चाहते है उस क्षेत्र में निरंतर प्रयास करते रहना होगा तभी हम हमारे ज्ञान का विकास कुछ हद तक कर पायेंगे। क्योंकि यह कहना तो गलत होगा की मेरे ज्ञान का विकास हो चुका है, क्योंकि यह जीवन पर्यंत सीखने और निरंतर सीखत चलने वाला ज्ञान है जिसे कभी पूर्ण नहीं माना जा सक्ता है।
ज्ञान बढाने के लिए क्या करना चाहिए?
ज्ञान को बढ़ाने के लिए सबसे पहले हमारा शांत स्वभाव चाहिए, कहने का तात्पर्य है की जो व्यक्ती अत्यधिक बोलते है, या दुसरे की सुनना पसंद ना करके अपनी बात का बखान करते रहते है, ज्यादा गुस्सा या बात बात पर गुस्सा करते है, ऐसे व्यक्ती कभी भी सही सीख नहीं ले सकते है, या ऐसा कह सकते है उनके ज्ञान का विकास अधिक नहीं हो पाता है। इसलिए अधिक ज्ञान की वृद्धि के लिए एकांत में कुछ समय दिन में से जरुर निकालिए, और सुनने के आदत डालिए, जहा आप एक अच्छे श्रोता बन जायेंगे वही आप ज्ञान की वृद्धि या आपकी सोचने समझने की शक्ति बड़ जायेगी। हमे तनाव पूर्ण जीवन होने पर भी अपने मन पर भारी बोझ जैसा अनुभव मत करिए, किसी भी परिस्थिति में उलझने की बजाय परिस्थितियों से कैसे निकला जाय ये उपाय निकालिए आपकी तार्किक शक्ति का विकास होने लगेगा।
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