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जीवन को बेहतर कैसे बनाए। Jiwan Ko kaise Behatar Banaye

 जीवन को बेहतर बनाने के तरीके  दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है की उसका जीवन बेहतर हो अच्छा हो, उसके जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे, उसे हर खुशी मिले , यह हर व्यक्ति की सोच रहती है।          अब सबसे महत्त्वपूर्ण ये है की हम इन सब को कैसे अच्छा कर सकते है, या जीवन को कैसे बेहतर बना सकते है। बेहतर जीना है तो हमे अपनी सोच बदलकर शुरुआत करनी चाहिए। हमारा स्वभाव ऐसा होता है कि हम अपने से ज्यादा पैसे वाले, अपनो से ज्यादा सुंदर या जो चीज़ हमारे पास नहीं है और वो चीज़ दुसरे के पास है या हमसे ज्यादा है या हमसे अच्छी है, तो हमारे मन में ये विचार चलते रहते है की हमारे पास ये नहीं इसके पास ये है,इस विचार से हम दुःखी या मन में अच्छा फील नहीं करने लगते है, तो इसके लिए हमे ये चाहिए कि हम इस प्रकार की तुलना या सोच ना रखते हुए ये विचार रखें कि जो हमारे पास है हम उसमे ही खुश है। जो है हमारे पास पर्याप्त है। तो हम थोड़ा तनाव मुक्त होकर अच्छा अनुभव करेंगे। यही तो बेहतर जीवन है दोस्तों। जीवन में बदलाव कैसे लाए जीवन में कुछ बढ़ा या अच्छा करना हो तो जैसे पहले जीवन चल रहा था, उसने बदलाव की जरूरत है। जीवन

परिवार क्या है ? Parivar Kya H ?

 परिवार क्या है ? Parivar Kya H ?

परिवार की परिभाषा सब अपने अपने हिसाब से बताता है ,जब हम सभी सदस्य एक साथ रहते है तो हम उसे परिवार कहते है ,हमारे परिवार में पिता माता भाई बहन सभी लोग आपस में रहते है तो उसे हम एक परिवार मानते है। परिवार में सभी लोग आपस में मिलझुलकर रहते है जिससे किसी भी कार्य को करने में आसानी हो सकती है।





परिवार(family) की विशेषताएँ क्या क्या होती है ?

1. परिवार के  सभी सदस्य मिल झूलकर रहते है।खुशियो की भरमार रहती है। 

2.कभी  भी मुसीबत में या किसी चीज की जरुरत होने पर सहायता आसानी से मिल जाती है। 

3. परिवार हमेशा अपनों से मिलकर बनता है। 

4. परिवार में हमेशा दो विपरीत लिंगी साथ में रहते है। 

5. वंशनाम की व्यवस्था रहती है। 

6. भाई बहन व् भाई भाई में प्यार रहता है।

परिवार के  प्रकार|family 

परिवार मुख्यतः दो प्रकार क होते है। परिवार को उनके द्वारा किये गए कार्यो क अनुरूप या यूँ कहे की उनकी गतिविधि के आधार पर विभाजित किया गया है। दोनों प्रकार क परिवार में गतिविधियां एक जैसी होती है। पर अंतर संख्याओं का होता है


सयुंक्त परिवार(faimily) क्या होता है ?




जब हमारा दादा दादी व दादाजी क लड़के यानि हमारे पिताजी के भाइयो की पत्नियां और उनके बच्चे सब आपस में मिलकर एक साथ ही निवास करते है तो  हम उसे सयुंक्त परिवार कहते  है।

                      संयुक्त परिवार में कार्य का विभाजन आसान हो  जाता है वही उसके खर्च भी बढ़ जाते है। संयुक्त परिवार में अर्थ का भर ज्यादा पड़ता है। जिससे बहुत साडी समस्याएँ  रहती है। साथ ही संयुक्त परिवार रहने से काम का विभाजन होने पर  काम आसानी से हो जाते है।

एकल परिवार 

ऐसा परिवार जिसमे पिता के भाई आपस में अलग हो जाते है और अपनी पत्नी संग अलग रहने लगते है। पति पत्नी व् उनके बच्चे ही रहते है। वो एकल परिवार  रहता है।

                              एकल परिवार सुखी परिवार इसलिए कह सकते है की हमे आवश्यकताओं की कम जरुरत पढ़ती है कम अर्थ में अपना काम चल जाता है पर एकल परिवार में संस्कार से लगा क्र परम्पराओ रीतिरिवाजों को काम चलन होने से हमरी संस्कृति को नुकसान होता है। 

ग्रामीण परिवार का  विस्तृत वर्णन |rural family

ग्रामीण परिवार  में अधिकतर संयुक्त परिवार में ही जीवन यापन करते है। उनका जीवन साधारन रहता है। वे अपने जीवन को जीने क लिए किसी विशेष उपलब्धि की चाह नहीं रखते हुए जीवन में बहुत कम तनाव रखते हुए जीते है। ग्रामीण परिवार में अधिकतर अन्धविश्वास जैसी बातों में ज्यादा विश्वास करते है। भारतीय परमपराओं का समावेश मिलता है।
                                    परमपरागत रीती रिवाज को ज्यादा मानते है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिआकांश लोग पुराने ख़यालात क ज्यादा रहते है। आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर रहते है। शिक्षा का अब थोड़ा धीरे धीरे चलन होकर इसको प्राथमिकता देने लगे है। 

 परिवार व समाज 

परिवार व समाज दोनों आपस में जुड़े हुए है जब  भी हमे समाज में किसी कार्य क लिए परिवार के  सदस्य की  जरुरत होती है तो हमे समाज का सहयोग करना चाहिए। समाज से तात्पर्य किसी एक जाती विशेष से नहीं पुरे मानव समाज से है। समाज क साथ बैठना व् उनके नियमो क अनुसार चलना ये सब हम परिवार से सीखते है। 

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